लखनऊ में योगी और मौर्य के बंगले के बीच में सिर्फ एक बंगला है। लेकिन योगी को 5 केडी से 7 केडी तक पहुंचने में साढ़े चार साल लग गए। मंगलवार को आदित्यनाथ पहली बार उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद के घर पहुंचे। उनके साथ संघ के सह सर कार्यवाह कृष्णगोपाल, महामंत्री संगठन बीएल संतोष और कोर कमेटी के सदस्य भी मौजूद थे। बताया गया कि योगी मौर्य को बेटे की शादी की बधाई देने पहुंचे थे। लेकिन, राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि वह नाराज चल रहे मौर्य को मनाने पहुंचे थे। सभी ने उनके घर लंच भी लिया।
आखिर क्यों डिप्टी केशव प्रसाद मौर्य से मिलने सीएम योगी पहुंचे उनके घर?
मौर्य ने कहा था सीएम का फैसला चुनाव बाद
बीते दिनों केशव मौर्य ने बयान दिया था कि यूपी में मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद तय किया जाएगा। जिसे बाद सरकार और संगठन दोनों अलर्ट हो गए थे। माना गया था कि सरकार में एकता की कमी है। इसलिए बेटे-बहू को आशीर्वाद के बहाने योगी मौर्य के घर पहुंचे।
पूर्व नौकरशाह अरविंद कुमार शर्मा ने भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को पत्र लिखकर उपाध्यक्ष बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है और कहाकि, यूपी का चुनाव 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।