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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भले ही बाढ़ का पानी घट चुका है, लेकिन राहत और बचाव कार्यों के लिए रेस्क्यू टीमें लगातार तैनात रहें। उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और पीएसी की टीमों को प्रभावित इलाकों में बनाए रखना आवश्यक है।प्रदेश के 13 जिलों में तैनात है एनडीआरएफ की 15 टीमें
वर्तमान में प्रदेश के 13 जिलों में एनडीआरएफ की 15 टीमें तैनात हैं, जिनमें लखनऊ और वाराणसी में सावन ड्यूटी के लिए अतिरिक्त टीमें शामिल हैं। एसडीआरएफ की 16 टीमें 14 जिलों में कार्यरत हैं, और पीएसी की फ्लड यूनिट्स 50 जिलों में तैनात हैं। इन यूनिट्स में 32 जिलों में ड्राउनिंग ऑप्स टीम और 18 जिलों में सावन ड्यूटी की टीम शामिल हैं। यह भी पढ़ें
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राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के आठ जिले लखीमपुर खीरी, अयोध्या, बलिया, फर्रुखाबाद, सीतापुर, बदांयू, कुशीनगर और हरदाेई बाढ़ की चपेट में हैं, लेकिन फिलहाल यहां पर भी स्थिति सामान्य है। वहीं सीएम योगी के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित जिलों में रेस्क्यू टीम तैनात है। यह भी पढ़ें
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उन्होंने बताया कि प्रदेश के 13 जिलों में एनडीआरएफ की 15 टीमें तैनात हैं। इनमें गाजियाबाद, जीबी नगर, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बरेली, बिजनौर, मुरादाबाद, लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, श्रावस्ती और महाराजगंज में एक-एक टीम तैनात है, जबकि लखनऊ में दो और वाराणसी में सावन ड्यूटी में 2 टीमें तैनात हैं। यह भी पढ़ें
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इसी तरह 14 जिलों में एसडीआरएफ की 16 टीमें तैनात हैं। इनमें प्रयागराज, गोंडा, गोरखपुर, मिर्जापुर, अयोध्या, इटावा, मुरादाबाद, कुशीनगर, कासगंज, सहारनपुर, श्रावस्ती, वाराणसी और ललितपुर में एक-एक टीम तैनात है। वहीं लखनऊ में तीन टीमें तैनात हैं। यह भी पढ़ें
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मुख्यमंत्री ने राहत आयुक्त जीएस नवीन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बाढ़ के पानी की वर्तमान स्थिति पर संतोष व्यक्त किया और राहत कार्यों की प्रभावशीलता पर ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हमारी सतर्कता और प्रभावी मॉनीटरिंग से ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में अधिक जन-धन हानि को रोकने में सफलता मिली है। यह भी पढ़ें