वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी बनाने की दिशा में बढ़ाया कदम प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लेकर सीएम योगी कि कदर गंभीर हैं इसकी बानगी उस वक्त देखने को मिल गयी थी जब चुनाव जीतने के पांच दिन बाद ही यानि 15 मार्च को योगी सरकार ने वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी हासिल करने के लिए एक RFP यानी रिक्वेस्ट ऑफ प्रोपजल जारी किया। मतलब यह कि एक तरह से देशभर के सभी दिग्गज कारोबारियों को यूपी में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया गया है। जिनकी मदद से योगी अपने एक बड़े सपने को पूरा करने की कोशिश करेंगे। फिलहाल यूपी की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर वाली इकॉनमी बनाने के अपने सपने के इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में कदम भी बढ़ा चुके हैं।
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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले ही कहा था कि उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने की दिशा में प्रायरिटी सेक्टर का चयन और उस दिशा में विस्तृत कार्य योजना बनाने में और उस कार्य योजना को आगे बढ़ाने के लिए भी अलग-अलग ग्रुप्स में उस दिशा में एक बेहतर पहल को एक टीम वर्क के रूप में आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है। लक्ष्य पूरा करने के लिए पांच साल का वक्त प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पांच साल का वक्त दिया गया है। सवाल ये है कि कोरोना महामारी से बेपटरी हो चुकी यूपी की अर्थव्यवस्था क्या महज पाँच साल में इस लक्ष्य को हासिल कर सकेगी। ये चुनौती मुश्किल ज़रूर है लेकिन असंभव भी नहीं।
ये हैं 50 घराने जिन्हें भेजा गया है निमन्त्रण 25 मार्च को योगी के शपथग्रहण में देश के करीब 50 कारोबारी घरानों को आने के लिए निमंत्रण भेजा गया है। इनमें टाटा ग्रुप, अंबानी ग्रुप, आदित्य बिरला ग्रुप, अडानी ग्रुप, महिंद्रा ग्रुप, आईटीसी ग्रुप, पेप्सीको , हिंदुस्तान यूनीलीवर ग्रुप, फिल्पकार्ट और आईजीएल ग्रुप भी शामिल हैं।
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