लखनऊ

Vigyan Bharati Convention: सीएम योगी बोले- ज्ञान जहां से भी आए, अपनी दृष्टि को खुला रखिये, वैज्ञानिकों के लिए भी बड़ा संदेश

विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सम्मेलन में सीएम योगी ने कहा कि ज्ञान चाहे जहां से आए, अपनी दृष्टि खुली रखें और उसे स्वीकार करें। विज्ञान ने हर तरफ विकास कार्यों में बड़ी मदद की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मै वैज्ञानिकों से आग्रह करूंगा कि जिस क्षेत्र में आप हैं उसमें लिखने की आदत डालिये, सही जानकारी लिखिए और फिर उस पर चर्चा करिये।

लखनऊJun 25, 2022 / 05:30 pm

Karishma Lalwani

CM Yogi Adityanath

शनिवार को राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। डॉक्टर अब्दुल कलाम तकनीकि विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में आयोजित अधिवेशन में सीएम योगी ने लोकतंत्र सेनानियों को नमन किया। विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सम्मेलन में सीएम योगी ने कहा कि ज्ञान चाहे जहां से आए, अपनी दृष्टि खुली रखें और उसे स्वीकार करें। विज्ञान ने हर तरफ विकास कार्यों में बड़ी मदद की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मै वैज्ञानिकों से आग्रह करूंगा कि जिस क्षेत्र में आप हैं उसमें लिखने की आदत डालिये, सही जानकारी लिखिए और फिर उस पर चर्चा करिये। उन्होंने कहा कि पांच हजार वर्ष पहले गीता का संदेश जितना प्रासंगिक था, आज भी उतना महत्व उसी रूप में है। हम पिछड़े कैसे, हमने अपने ज्ञान को धार्मिक दृष्टि से अंगीकार करने का प्रयास नहीं किया। अंग्रेजी तिथि में वैज्ञानिक दृष्टि का अभाव है लेकिन विक्रम संवत में वैज्ञानिक दृष्टि निहित है। ज्ञान जहां से भी आए, उसके लिए अपनी दृष्टि को खुला रखिये, यह अपने आप में एक वैज्ञानिक दृष्टि है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपरा की आधार भूमि और उसका हृदय स्थल कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश में स्वदेशी ज्ञान-विज्ञान की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर क्रियाशील विज्ञान भारती के पांचवें अधिवेशन का आयोजन होना एक सुखद अनुभूति कराता है।
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कोरोना ने आयुर्वेद को सिद्ध किया

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमारी चीजों को वैज्ञानिक दृष्टि से देखने की आदत नहीं रही। हमे डाटा कलेक्शन की आदत नहीं। उन्होंने टिप्पणी की कि विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट बनना चाहते हैं। एसोसिएट, प्रोफेसर बनना चाहते हैं। प्रोफेसर कुलपति बनना चाहते हैं और कुलपति बनने के बाद कहीं और जाना चाहते हैं। इसकी जगह शिक्षकों को वैज्ञानिक सोच और दृष्टि रखने की जरूरत है। वह अपने शोध को सामने रखें उसे प्रकाशित करें। उन्होंने इस दौरान चिकित्सकों पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि चिकित्सक हर मरीज को एक जैसे ढर्रे पर देखते हैं। जबकि उनको भी पता है कि हर मरीज की प्रकृति दूसरी है। वह उसको अलग-अलग तरीके से देखकर अपने अनुभव को और विस्तार देख सकते हैं। आयुर्वेद को कम महत्व दिया जा रहा था, लेकिन कोरोना ने आयुर्वेद को सिद्ध किया और लोगों ने काढ़ा पीना शुरू कर दिया।
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति वैज्ञानिक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने वाली

सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति वैज्ञानिक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने वाली है। आज हमारे पास संसाधन की कमी नहीं है, बस मजबूत इच्छाशक्ति की कमी है। दो दिन के अधिवेशन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नवाचार को लेकर शिक्षाविद और वैज्ञानिक चर्चा करेंगे और एक प्रस्ताव पास करेंगे।

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