सीएम योगी ने प्रदेशभर में गुरुकुल पद्धति के आवासीय संस्कृत विद्यालयों को पुनर्स्थापित करने का भी संकल्प लिया। उन्होंने संस्कृत भाषा को विज्ञान और तकनीकी शिक्षा की भाषा के रूप में उभरने की संभावना पर जोर दिया और छात्रों से इसे गंभीरता से अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जो मानवता का पक्षधर है, वह संस्कृत का भी हिमायती है। सीएम योगी ने पिछली सरकारों में संस्कृत शिक्षा को उपेक्षित रखे जाने की बात कही।
संस्कृत विज्ञान की भाषा: योगी
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने कहा कि संस्कृत न केवल देववाणी है, बल्कि यह विज्ञान की भाषा भी है, जो कंप्यूटर साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों में उपयोगी है। संस्कृत की विशेषताएं इसे तकनीकी दृष्टिकोण से सरल और सहज बनाती हैं। इसलिए, हम संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए नए प्रयासों की दिशा में कार्य कर रहे हैं।संस्कृत के 69,195 विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में छात्रवृत्ति योजना का महत्व बताते हुए कहा कि पहले संस्कृत के केवल 300 विद्यार्थियों को ही छात्रवृत्ति मिलती थी, उसमें भी आयु सीमा तय करके रखा गया था, लेकिन अब हमारी सरकार ने इसे सभी छात्रों तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। प्रदेश में संस्कृत के 69,195 विद्यार्थियों को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने सभी विद्यार्थियों का बैंक खाता खुलवाने का निर्देश भी दिया, जिससे उन्हें छात्रवृत्ति का लाभ सीधा और सुरक्षित रूप से मिल सके।गुरुकुल शिक्षा पद्धति को फिर से लागू करने की योजना
संस्कृत और भारतीय संस्कृति के महत्व को रेखांकित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि गुरुकुल शिक्षा पद्धति को फिर से प्रदेशभर में लागू करने की योजना है। यह परंपरा ही हमारी असली ताकत है और इससे ही भारत विश्वगुरु के रूप में उभर सकता है। यह भी पढ़ें