ये भी पढ़ें- यूपी राज्यपाल को सुप्रीम कोर्ट के झटके के बाद अखिलेश यादव के बयान ने मचाया हड़कंप आप सांसद ने भी दिया इस पर ध्यान- बुधवार को आम आदमी पार्टी से सांसद संजय सिंह ने भी बुलंदशहर मामले में लखनऊ में प्रेस कांफ्रेस की और कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ गोकशी पर बयान दे रहे हैं, लेकिन सुबोध की हत्या पर वे चुप हैं। बल्कि सुबोध ने शहादत न दी होती तो वहां बड़ा दंगा हो सकता था।
ये भी पढ़ें- भाजपा नेता प्रत्यूषमणि त्रिपाठी के हत्यारों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, सामने आई मामले से जुड़ी हैरान करने वाली तस्वीर, यूपी पुलिस में हड़कंप गोकशी पर रहा उनका ध्यान- मंगलवार की बैठक में एक बार फिर हिंसा का मुख्य कारण गोकशी पर सीएम योगी का पूरा ध्यान रहा। आखिर 2017 चुनाव जीतने के बाद सीएम का पद संभालते ही उन्होंने इस मामले पर सख्त रुख अख्तियार किया था। और जब बुलंदशहर में दोबारा गोकशा हिंसा की वजह बनी तो सीएम योगी ने हाईप्रोफाइल मीटिंग बुलाकर अधिकारियों पर इस पर रोकथाम के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोकशी में शामिल सभी दोषियों को पकड़ उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह घटना एक बड़े षड़यंत्र का हिस्सा है और इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सभी तत्वों को जल्द गिरफ्तार किया जाए। घटना में दूसरे मृतक सुमित के परिजनों को राहत कोष से 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा हुई।
सुबोध का नहीं किया जिक्र- सीएम योगी द्वारा जारी आदेश पत्र में एक बार भी हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध का जिक्र नहीं किया। सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर प्रतिक्रियाएं आई है। लोगों ने लिखा कि बुलंदशहर मामले पर बुलाई गई मीटिंग में पूरा ध्यान गोकशी पर रहा, लेकिन सुबोध को लेकर एक बार भी बात नहीं हुई। आप सांसद संजय सिंह ने यह भी कहा कि सुबोध सिंह ने शहादत नहीं दी होती तो वहां बड़ा दंगा हो जाता, लेकिन सीएम योगी इस पर चुप हैं।
बैठक में इस पर चर्चा की भी थी उम्मीद- ऐसा माना जा रहा था कि बैठक में कानून-व्यवस्था ना संभाल पाने वाले कई आईपीएस अफसरों पर गाज गिर सकती है जिनमें बुलंदशहर, इलाहाबाद, वाराणसी, सीतापुर व लखनऊ समेत कई जिलों के कप्तान शामिल हो सकते हैं, लेकिन इसको लेकर भी कोई आदेश नहीं आया।