बीते सालों में हुए चुनावों के रिजल्ट में सब क्लियर है। अब राज्य में दो सीटों पर उपचुनाव का एलान हो चुका है। जल्द ही राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव का भी एलान होने वाला है। जबकि, करीब एक साल बाद लोकसभा चुनाव भी होंगे।
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में विपक्ष हुए फेल
इस बार चुनाव को देखते हुए BJP के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी में बड़ा फैक्टर साबित हो सकते हैं। हालांकि ऐसा पहले भी देखने को मिला है, जब राज्य में BJP के खिलाफ बने तमाम बड़े गठबंधन लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के दौरान फेल रहे थे।
इस बार चुनाव को देखते हुए BJP के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी में बड़ा फैक्टर साबित हो सकते हैं। हालांकि ऐसा पहले भी देखने को मिला है, जब राज्य में BJP के खिलाफ बने तमाम बड़े गठबंधन लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के दौरान फेल रहे थे।
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सबसे पहले साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा का गठबंधन फेल हुआ था। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में BSP और सपा का गठबंधन फेल हुआ। दो बार सीएम योगी के सामने विपक्ष के हर दांव फेल हुए हैं। लोगों ने सीएम योगी को BJP के वापसी की वजह बताया
एक निजी न्यूज चैनल ने यूपी में एक बीते दिनों सर्वे किया है। सर्वे के आधार पर यूपी फैक्टर के तहत देश का मूड जानने की कोशिश की गई। सर्वे में पूछ गया कि साल 2022 में BJP की वापसी की वजह क्या है? इसका जवाब देते हुए 41% लोगों ने सीएम योगी को BJP के वापसी की वजह बताया।
एक निजी न्यूज चैनल ने यूपी में एक बीते दिनों सर्वे किया है। सर्वे के आधार पर यूपी फैक्टर के तहत देश का मूड जानने की कोशिश की गई। सर्वे में पूछ गया कि साल 2022 में BJP की वापसी की वजह क्या है? इसका जवाब देते हुए 41% लोगों ने सीएम योगी को BJP के वापसी की वजह बताया।
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इसके अलावा डबल इंजन सरकार को 14 और विकास को 11% वोट मिले। जब सर्वे में सवाल किया गया कि सीएम के तौर पर किसका कार्यकाल बेहतर है? तब सबसे ज्यादा लोगों ने सीएम योगी को बेहतर माना। सीएम योगी को इस सर्वे में 42% वोट मिले हैं। अखिलेश यादव को 8% मिले वोट
इसके बाद दिवंगत नेता कल्याण सिंह को 17% वोट मिले। जबकि, मायावती को 15%, मुलायम सिंह यादव को 12% और अखिलेश यादव को 8% वोट मिले। अगर ऐसे देखें तो विपक्षी दल सपा, BSP और कांग्रेस की हर चाल एक झटके में खत्म होती नजर आ रही है।
इसके बाद दिवंगत नेता कल्याण सिंह को 17% वोट मिले। जबकि, मायावती को 15%, मुलायम सिंह यादव को 12% और अखिलेश यादव को 8% वोट मिले। अगर ऐसे देखें तो विपक्षी दल सपा, BSP और कांग्रेस की हर चाल एक झटके में खत्म होती नजर आ रही है।