नमामि गंगे परियोजना के तीनों इंजिनियरों पर आरोप है कि इन्होंने अपने काम में लापरवाही बरती है। मुरादाबाद में जो परियोजना 2014 में पूरी की जानी थी लेकिन वह अब तक पूरी नहीं हो सकी है। इसी तरह की रिपोर्ट पिछली समीक्षा बैठक में रखी गई थी। उसी के आधार पर मुरादाबाद के मुख्य अभियंता राजीव शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं ट्रांस वरुणा प्रॉजेक्ट में हो रही लेट-लतीफी की गाज यहां के अधिशासी अभियंता ज्ञानेंद्र कुमार चौधरी पर भी गिरी है। इस लापरवाही की कीमत इन तीनों इंजिनियरों को अपनी नौकरी गवांकर चुकानी पड़ी।
काम शुरू न करने पर हुए इंजिनियर कृष्ण गोपाल सिंह
आगरा जल निगम के इंजिनियर कृष्ण गोपाल सिंह को इसलिए सस्पेंड किया गया है क्योंकि आगरा में एसटीपी लगाने के लिए धन स्वीकृत किए जाने के बाद भी अब तक इनके द्वारा कोई काम शुरू नहीं किया गया। आगरा जल निगम इंजिनियर कृष्ण गोपाल ने इस संबंध में न तो कोई कार्रवाई की और न ही शासन को इस बारे में कुछ बताया। शासन ने इस प्रकरण में सीधे तौर पर कृष्ण गोपाल को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा शासन ने यह भी पाया है कि आगरा में कागजों पर छह एसटीपी चल रहे हैं, लेकिन हकीकत में नाले सीधे यमुना में गिर रहे। इससे एनजीटी भी खफा है। डूब क्षेत्र का मामला एनजीटी में चल रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने दिया यह बयान
सरकार के इस ऐक्शन पर कांग्रेस ने तंज करते हुए केवल दिखावा बताया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश सिंह चौहान ने कहा है कि गंगा सफाई से जुड़े तीनों अभियंताओं के निलंबन का आदेश केवल जनता से धोखा है। गंगा के नाम पर झूठ बोलने के लिए सरकार को जनता से माफी मांगनी चाहिए।