मुख्यमंत्री ने दावा किया कि नमामि गंगे का ये अभियान यूपी में सफल हुआ। उत्तर प्रदेश के कानपुर में गंगा की स्थिति पीड़ादायक थी। इसके जल में जीव नष्ट हो जाते थे। लगातार 100 साल से सीसामऊ से रोज 14 करोड़ लीटर सीवर इसमें गिरता था। लेकिन सरकार ने इस सीवर प्वाइंट को सेल्फी प्वाइंट में बदला। अब एक बूंद भी सीवर गंगा में नहीं गिरता है और जल के साथ जीव भी यहां सुरक्षित हैं। प्रयागराज के 2019 में आयोजित हुए कुंभ की सफलता की कहानी भी स्वच्छता और अविरल निर्मल गंगा की गाथा को कहती है। सरकार ने न सिर्फ गंगा बल्कि 10 सहायक नदियों पर भी ध्यान केंद्रित किया।
यह भी पढ़े – डेढ़ घंटे पहले पहुंचना होगा परीक्षा केंद्र, कोविड के चलते इन तैयारियों से पहुंचे छात्र-छात्राएं अब गंगाजल आचमन करने योग्य सीएम के मुताबिक काशी में गंगा निर्मल दिखती है। अब गंगाजल आचमन और पूजा करने योग्य हो गया है। यहां डॉल्फिन भी दिखाई देती है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की योजना को ध्यान में रखते हुए नदियों में कचरे के प्रवाह को रोकने का कार्य किया। जिसमें से अब तक 46 में से 25 का काम पूरा हो चुका है, 19 में काम चल रहा है और दो कार्य प्रगति पर है।
यह भी पढ़े – अब शादी करना भी हो गया महंगा, घोड़ा बग्घी से लेकर पंडित की दक्षिणा और नाऊ का नेग बढ़ा जिला और राज्य स्तर गंगा समिति का गठन योगी ने कहा कि गंगा के उत्थान के साथ हम प्राकृतिक खेती और किसानों की मदद कर रहे हैं। गंगा के दोनों तटों पर बागवानी, गंगा नर्सरी, गंगा घाट, गंगा पार्क स्थापित हो रहे हैं। सर्वाधिक प्रवाह यूपी में होने के कारण सरकार द्वारा दोनों तटों पर वृक्षारोपण, किसानों को फ्री में पौधा और 3 साल की सब्सिडी देने के कार्यक्रम को तेजी से चल रहे हैं। इसे निरंतर युद्ध स्तर पर बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।