मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संचारी रोगों की रोकथाम के लिये विशेष रूप से सर्विलांस व्यवस्थाओं को और बेहतर करने, स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ ग्राम्य विकास विभाग और बाल विकास पुष्टाहार आदि विभागों से एक्टिव रहने को कहा है। उन्होंने कहा है कि बरसात का मौसम शुरू हो रहा है। इस समय इन्सेफलाइटिस जैसी जल जनित बीमारियों के प्रसार का खतरा है। ऐसे में हमको बिना देरी किए बीमारी से बचाव और रोकथाम के काम तेज करने होंगे। इन्सेफलाइटिस उन्मूलन के लिये सीएम योगी ने स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, महिला एवं बाल कल्याण आदि विभागों को जोड़ने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने आशा बहुओं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, एएनएम, ग्राम प्रधानों से कहा है कि वे लोगों को इन्सेफलाइटिस से बचाने के प्रति जागरूक करने की जिम्मेदारी तय करें।
इन्सेफलाइटिस की रोकथाम के इसी मॉडल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना महामारी को जड़ से खत्म करने के लिये प्रयोग किया और उसके सफल परिणाम सामने आए। देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे कम समय में उत्तर प्रदेश कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को मात देने में सफल साबित हुआ।
इन्सेफलाइटिस उन्मूलन को शीर्ष प्राथमिकता पर रखा
मार्च 2017 में सरकार संभालते ही योगी आदित्यनाथ ने इन्सेफलाइटिस के उन्मूलन को अपनी शीर्ष प्राथमिकता पर रखा। बीमारी को जड़ से मिटाने के संकल्प को लेकर उन्होंने यूपी के गांव-गांव में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती के साथ शुरू किया। स्वच्छता, शुद्ध पेयजल और जागरूकता बीमारी को समाप्त करने में मजबूत हथियार बने। इसी ध्येय को पूरा करने के लिये उन्होंने इलाज के मुक्कमल इंतजाम की ऐसी व्यवस्था बनाई कि मरीज को समुचित इलाज गांव के पास ही मिलना संभव हुआ। इस कड़ी में उन्होंने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को इन्सेफलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर के रूप में विकसित कर इलाज की सभी सुविधाएं सुनिश्चित कराई। उन्होंने गांव-गांव शुद्ध पेयजल और हर घर में शौचालय का युद्धस्तरीय कार्य शुरू कराया। सीएम योगी की ओर से इन्सेफलाइटिस उन्मूलन का संकल्पित कार्यक्रम लागू करने का परिणाम रहा कि पिछले सालों के मुकाबले बीमारियों को पनपने का यूपी में मौका ही नहीं मिला।
मार्च 2017 में सरकार संभालते ही योगी आदित्यनाथ ने इन्सेफलाइटिस के उन्मूलन को अपनी शीर्ष प्राथमिकता पर रखा। बीमारी को जड़ से मिटाने के संकल्प को लेकर उन्होंने यूपी के गांव-गांव में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती के साथ शुरू किया। स्वच्छता, शुद्ध पेयजल और जागरूकता बीमारी को समाप्त करने में मजबूत हथियार बने। इसी ध्येय को पूरा करने के लिये उन्होंने इलाज के मुक्कमल इंतजाम की ऐसी व्यवस्था बनाई कि मरीज को समुचित इलाज गांव के पास ही मिलना संभव हुआ। इस कड़ी में उन्होंने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को इन्सेफलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर के रूप में विकसित कर इलाज की सभी सुविधाएं सुनिश्चित कराई। उन्होंने गांव-गांव शुद्ध पेयजल और हर घर में शौचालय का युद्धस्तरीय कार्य शुरू कराया। सीएम योगी की ओर से इन्सेफलाइटिस उन्मूलन का संकल्पित कार्यक्रम लागू करने का परिणाम रहा कि पिछले सालों के मुकाबले बीमारियों को पनपने का यूपी में मौका ही नहीं मिला।