सीएम योगी ने निर्देश दिया कि प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सालयों में ओपीडी सेवाएं स्थगित रखी जाएं। इस समय भीड़ संक्रमण को बढ़ाने वाली हो सकती है। ओपीडी सेवाओं के लिए टेलीकन्सल्टेशन को बढ़ावा दिया जाए। सरकारी चिकित्सालयों में केवल आपातकालीन सेवाएं ही संचालित हों। इसके अलावा मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों का आयोजन 15 मई तक के लिए स्थगित रखा जाए।
सरकार के आदेश के बाद लखनऊ के केजीएमयू, बलरामपुर चिकित्सालय और कैंसर इंस्टिट्यूट को डेडीकेटेड कोविड चिकित्सालय बनाया जा चुका है। इससे कोविड मरीजों के उपचार के लिए और अच्छी सुविधा प्राप्त हो सकेगी। इसी तरह एरा मेडिकल काॅलेज, टीएस मिश्रा मेडिकल काॅलेज, इंटीग्रल मेडिकल काॅलेज, मेयो मेडिकल काॅलेज और हिन्द मेडिकल काॅलेज को पूरी तरह डेडीकेटेड कोविड हाॅस्पिटल घोषित किया गया है। सीएम योगी ने कहा कि इन सभी अस्पतालों में जल्द से जल्द सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। आपातकालीन सेवाओं के लिए लखनऊ में ट्रॉमा सेंटर का संचालन सुचारू रखा जाए।
दवाओं की चोरी और कालाबाजारी बढ़ी
महामारी से जहां रोजाना सैकड़ों लोगों की मौत हो रही है, तो लोगों को बचाने के लिए बनाई गई व्यवस्थाएं भी अलग-अलग वजहों से बिगड़ चुकी हैं। कई जगह जरूरी दवा और इंजेक्शन की कालाबाजारी से लेकर चोरी तक हो रही है। अस्पतालों में बेडों की ब्लैक बुकिंग जारी है। सरकारी अस्पतालों में कोविड बेड दिलाने वाले दलाल सक्रिय हैं। तो प्राइवेट अस्पतालों द्वारा लाखों रुपये वसूले जा रहे हैं, जिससे इलाज से दूर मरीजों की मौत भी हो रही है। कानपुर के किदवई नगर में मिलिट्री इंटेलिजेंस से मिले इनपुट के बाद यूपी एसटीएफ और कानपुर पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की 265 बॉटल्स के साथ 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया।जरअसल रेमडेसिविर इंजेक्शन एक जीवन रक्षक दवा है, जिसका उपयोग कोविड के अति गंभीर मरीजों के इलाज में किया जाता है। इस इंजेक्शन की मांग काफी ज्यादा है, इसलिए इस समय इसकी भारी कमी चल रही है। यही वजह है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के चलते रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड बढ़ी, साथ ही इसकी ब्लैक मार्केटिंग भी हो रही है।
यूपी एसटीएफ के मुताबिक उन्हें मिलिट्री इंटेलिजेंस से जानकरी मिली थी कि एक संदेहास्पद ग्रुप रेमडेसिविर कोविफॉर की कालाबाजारी कर रहा है। कानपुर के किदवई नगर में पुलिस टीम के साथ छापेमारी कर तीन आरोपियों सचिन कुमार, मोहन सोनी और प्रशांत शुक्ला को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से रेमडेसिविर की कुल 265 बोतलें मिली हैं। यूपी एसटीएफ के मुताबिक ये लोग एक बोतल 4000 रुपये तक में बेच रहे थे। कुल 265 बोतलों के हिसाब से इन इंजेक्शनों की कुल कीमत 10 लाख रुपए से ज्यादा है। फिलहाल पुलिस तीनों से पूछताछ कर रही है। तीनों आरोपियों के खिलाफ बाबूपुरवा थाना पुलिस उचित कार्रवाई कर रही है।
भर्ती न करने पर होगा मुकदमा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलों में कोरोना संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती करने में हीलाहवाली करने को गंभीरता से लिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि डीएम और सीएमओ स्तर से भेजे जा रहे कोरोना संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती करने में हीलाहवाली करने वालों के खिलाफ नियमानुसार महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। इसको लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी कमिश्नर, डीएम और सीएमओ को आदेश जारी कर दिए हैं। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमितों को तत्काल भर्ती कर उनकी जीवन रक्षा करना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसे लेकर हीलाहवाली किसी भी सूरत में सहन नहीं की जाएगी।