लखनऊ

लॉकडाउन के चलते योगी सरकार का खजाना खाली, ऐसे में 16 लाख राज्य कर्मचारियों और 12 लाख पेंशनर्स के भुगतान को लेकर लिया ये बड़ा फैसला

कोरोना वायरस के संकट के ऐसे समय में सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने कर्मचारियों पेंशनर्स को निराश नहीं किया, लिया ये फैसला…

लखनऊMay 04, 2020 / 11:31 am

नितिन श्रीवास्तव

लॉकडाउन के चलते योगी सरकार का खजाना खाली, ऐसे में 16 लाख राज्य कर्मचारियों और 12 लाख पेंशनर्स के भुगतान को लेकर लिया ये बड़ा फैसला

लखनऊ. कोरोना वायरस का प्रकोप पूरी दुनिया में फैला हुआ है। भारत में भी कोरोना संक्रमण का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा। उसी को देखते हुए देश में लॉत डाउन को तीसरी बार बढ़ाया गया है। आपदा के चलते लागू लॉकडाउन के कारण देश के साथ ही उत्तर प्रदेश की भी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था के चलते प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के खजाने को तगड़ा झटका लगा है। हालांकि भले ही यूपी सरकार का खजाना खाली हो, लेकिन संकट के ऐसे समय में सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने कर्मचारियों पेंशनर्स को निराश नहीं किया और सभी को समय से वेतन और पेंशन उपलब्ध कराया।


कर्मचारियों और पेंशनरों को नहीं किया निराश

कोरोना वायरस के चलते फैली महामारी को देखते हुए पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। जिसका काफी बुरा असर प्रदेश सरकार के खजाने पर पड़ा है। हालांकि ऐसे कठिन समय में भी राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को निराश नहीं होने दिया। सालाना लक्ष्य के मुकाबले अप्रैल में टैक्स और करेत्तर राजस्व में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। उसके बावजूद योगी सरकार ने प्रदेश के 16 लाख राज्य कर्मचारियों और 12 लाख पेंशनर्स को अप्रैल महीने का वेतन और पेंशन का पूरा भुगतान करने का आदेश जारी कर दिया। आपको बता दें कि लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश में पैदा हुईं विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए योगी सरकार ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती करने के साथ विधायक निधि को एक वर्ष के लिए स्थगित करने का बेहद कड़ा फैसला किया।


योगी सरकार को कमाई के मोर्चे पर झटका

जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन से योगी सरकार को कमाई के मोर्चे पर तगड़ा झटका लगा है। आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप होने से अप्रैल में सरकार को वार्षिक लक्ष्य का मात्र 1.2 फीसद कर राजस्व प्राप्त हुआ है। वहीं करेत्तर राजस्व (Non-tax revenue) भी वार्षिक लक्ष्य का 1.5 फीसद ही रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में कर राजस्व से 166021 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य है लेकिन पहले महीने में 2012.66 करोड़ रुपये ही आए हैं। जो कि तय वार्षिक लक्ष्य का मात्र 1.2 फीसदी है। इसी तरह करेत्तर राजस्व (Non-tax revenue) के तहत वित्तीय वर्ष के लिए तय लक्ष्य 19178.93 करोड़ रुपये के सापेक्ष अप्रैल में 282.12 करोड़ रुपये की ही प्राप्ति हुई है। जो कि वार्षिक लक्ष्य का 1.5 प्रतिशत ही है।

 

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