कौन हैं ये हाईप्रोफाइल ठग
यूपी एसटीएफ ने इस मामले में दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है: प्रदीप दुबे, निवासी जौनपुर
मान सिंह, निवासी दुबग्गा, लखनऊ
कैसे करते थे ठगी
दोनों आरोपी खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय का सचिव और संयुक्त सचिव बताकर लोगों को नौकरी दिलाने का वादा करते थे। वे पीड़ितों के सामने अपनी पहचान उच्च पद के अधिकारी के रूप में पेश करते और दावा करते कि मुख्यमंत्री कार्यालय में उनकी पहुंच है। इसी बहाने से ये लोग नौकरी, सरकारी ठेके, और अन्य प्रकार की सरकारी सेवाएं दिलाने का दावा कर मोटी रकम वसूलते थे।
पुलिस ने कैसे पकड़ा इन्हें
पिछले कई महीनों से पुलिस को इन ठगों की तलाश थी। यूपी एसटीएफ की टीम ने इन्हें लखनऊ के गऊ घाट इलाके में ठाकुरगंज थाना क्षेत्र से पकड़ा। टीम ने ठगों के पास से आधार कार्ड, मोबाइल फोन, एक कार और कई जरूरी दस्तावेज भी बरामद किए हैं, जो इनकी ठगी में सहायक साबित होते थे।
पीड़ितों को कैसे बनाया शिकार
आरोपियों ने कई बेरोजगार युवाओं और सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को निशाना बनाया। वे युवाओं को भरोसे में लेकर सरकारी नौकरी या ठेके के लिए निर्धारित रकम मांगा करते थे। कई लोग इनके झांसे में आकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठे। यूपी एसटीएफ की प्रभावी कार्यवाही
उत्तर प्रदेश में अपराध और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए यूपी एसटीएफ लगातार सख्त कदम उठा रही है। इस गिरफ्तारी से प्रदेश में अन्य जालसाजों और ठगों के लिए भी सख्त संदेश गया है कि कानून का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ठगों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की तैयारी हो रही है ताकि अन्य लोग ऐसी गतिविधियों से बच सकें।
जनता के लिए एसटीएफ की चेतावनी
एसटीएफ ने जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है। सरकारी नौकरी या अन्य किसी सरकारी लाभ को लेकर अनजान लोगों पर भरोसा न करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। सरकार की ओर से किसी भी प्रकार के लेनदेन या नौकरी के लिए सीधे संपर्क करने की कोई नीति नहीं है। आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
इन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और पहचान छुपाकर ठगी करने के मामले दर्ज किए गए हैं। उन्हें जल्द ही न्यायालय में पेश किया जाएगा, जहां उनके खिलाफ सभी सबूत पेश कर सजा दिलाने की कोशिश की जाएगी।