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वहीं कुछ जेलों में बैरकों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके लिए योगी सरकार के निर्देश पर शासन ने कारागार विभाग को हरी झंडी देते हुए, भारी भरकम बजट जारी कर दिया है। इन जेलों के वर्तमान स्थिति को देखते हुए हाईटेक टेक्नोलॉजी का यूज करते हुए बनाया जाएगा। इसके साथ ही नई जेलों के निर्माण का लक्ष्य 2 से 5 साल का निर्धारित किया गया है।Chaitra Navratri 2023: देवी की उपासना का सही समय, किस्मत की रुकावटों को कर देगी किनारे
सीएम योगी ने प्रस्ताव को दी हरी झंडी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक उच्च स्तरीय बैठक में कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने अवगत कराया था कि वर्तमान में प्रदेश की केंद्रीय और जिला कारागार समेत कई कारागार में क्षमता से अधिक बंदी हैं। ऐसे में जेल मैनुअल द्वारा प्रदत्त सुविधाएं उपलब्ध कराने और बंदियों के मानवाधिकारों के संरक्षण को देखते हुए नई जेलों की आवश्यकता है।
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मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताई जेलों की स्थिति विभाग के अधिकारियों ने सीएम योगी को बताया कि वर्तमान में 7 केंद्रीय कारागार में 13,669 बंदियों की क्षमता है जबकि यहां पर 15,201 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका रेश्यो 111 प्रतिशत है। इसी तरह 62 जिला कारागार में 49,107 बंदियों की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 95,597 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका रेश्यो 194 प्रतिशत है। वहीं 2 उप कारागार में 306 बंदियों की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 664 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका रेश्यो 216 प्रतिशत है। महिला केंद्रीय कारागार में 120 बंदियों की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 148 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका रेश्यो 123 प्रतिशत है।दलितों-पिछड़ों के अधिकारों पर योगी सरकार डाका डाल रही : अजय कुमार लल्लू
इन जिलों में नई जेल के निर्माण की कार्रवाई तेजी शासन से नई जेलों के निर्माण का बजट जारी होते ही प्रदेश के उन जिलों में इसके निर्माण का रास्ता साफ हो गया, जहां पर अभी तक कोई जेल नहीं है। प्रदेश के 11 जिलों क्रमश: अमेठी, महोबा में 990-990 बंदी क्षमता और कुशीनगर, चंदौली, औरेया, हापुड़, संभल, अमरोहा, भदोही में एक-एक हजार बंदी क्षमता, हाथरस में 1026 बंदी क्षमता, शामली में 2 हजार बंदी क्षमता की जेलों को निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसी तरह ललितपुर में एक नये केंद्रीय कारागार के निर्माण की कार्रवाई तेज कर दी गई है, जिसकी बंदी क्षमता दो हजार होगी।पुरानी जेलों की होगी मरम्मत वहीं ललितपुर में एक हजार बंदी क्षमता की दूसरी जिला कारागार के निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसी तरह बरेली की पुरानी जेल के मरम्मत एवं नवीनीकरण के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी गई है, जिसका बंदी क्षमता 2579 होगी।