क्यों होता है इनके साथ रहना मृत्यु समान
चाणक्य नीति कहती है कि यदि पत्नी दुष्ट है, मित्र झूठा है, नौकर बदमाश है, तो व्यक्ति को इनके साथ नहीं रहना चाहिए। जैसे सांप के साथ रहना अक्सर खतरे का निशान होता है वैसे ही इन तीनों के साथ रहना मौत को बुलावा देना होता है।
चाणक्य नीति कहती है कि यदि पत्नी दुष्ट है, मित्र झूठा है, नौकर बदमाश है, तो व्यक्ति को इनके साथ नहीं रहना चाहिए। जैसे सांप के साथ रहना अक्सर खतरे का निशान होता है वैसे ही इन तीनों के साथ रहना मौत को बुलावा देना होता है।
यह भी पढ़े – इंटरनेट और मोबाइल फोन के जमाने में हाथों से छूट गईं किताबें, जानिए पुस्तकालयों की क्या हो गई स्थिति पत्नी की ईमादारी वाला पति सबसे अमीर कहा गया है कि यदि कोई पति पत्नी की ईमानदारी जेब में रख कर घूमता हो तो उससे अमीर कोई नहीं होता है। वहीं, एक अच्छा मित्र वही है, जो इन हालात में हमारा साथ न छोड़े। आवश्यकता पड़ने पर, किसी दुर्घटना के समय, जब अकाल पड़ा हो, जब युद्ध चल रहा हो और श्मसान जाना पड़ा।
कहीं रहने से पहले जान ले ये नीति
चाणक्य नीति कहती है कि उस देश और स्थान में निवास नही करना जहां आपकी कोई इज्जत न हो। खासतौर पर उस स्थान पर तो बिल्कुल नहीं जहां आप रोजगार नहीं कमा सकते, जहां आपका कोई मित्र नहीं हो और जहां आप कोई ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते।
चाणक्य नीति कहती है कि उस देश और स्थान में निवास नही करना जहां आपकी कोई इज्जत न हो। खासतौर पर उस स्थान पर तो बिल्कुल नहीं जहां आप रोजगार नहीं कमा सकते, जहां आपका कोई मित्र नहीं हो और जहां आप कोई ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते।
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चाणक्य नीति में सबसे पहले ही कहा गया है कि नौकर की परीक्षा तब करें जब वह कर्त्तव्य का पालन न कर रहा हो। विपरीत परिस्थितियों में मित्र की और पत्नी की परीक्षा तब करें जब आपका समय ठीक न हो। रिश्तेदार को तब आजमाएं, जब आप मुसीबत में हों।
चाणक्य नीति में सबसे पहले ही कहा गया है कि नौकर की परीक्षा तब करें जब वह कर्त्तव्य का पालन न कर रहा हो। विपरीत परिस्थितियों में मित्र की और पत्नी की परीक्षा तब करें जब आपका समय ठीक न हो। रिश्तेदार को तब आजमाएं, जब आप मुसीबत में हों।