नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा और आराधना
नवरात्रि को लेकर सभी के घरों में अभी से तैयारियां शुरू हो जारी है।यह पर्व पूरे देश में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। वहीं इस बीच चैती छठ पूजा भी पड़ेगी। आईए आपके बताते है कि इस बार चैत्र नवरात्रि कब से शुरू हो रहे हैं और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है।
कलश स्थापना करते समय का सही दिशा में बैठे चैत्र नवरात्रि के पहले दिन 22 मार्च को ब्रह्म योग सुबह 9.18 से 23 मार्च को 6.16 मिनट तक रहेगा। वहीं शुक्ल योग 21 मार्च को सुबह 12.42 से 22 मार्च को सुबह 9.18 मिनट तक रहेगा। चैत्र नवरात्रि में घट स्थापना के समय साधक अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में रखें। ध्यान रहे जिस घर में कलश स्थापना होती है, वहां साफ सफाई और पवित्रता बहुत जरुरी है। साथ ही कलश को ईशान कोण में ही स्थापित किया जाता है।
इस बार दुर्लभ योग का संयोग 9 दिन तक मां दुर्गा घर में वास करती हैं। 22 मार्च 2023 को चैत्र नवरात्रि पर घटस्थापना सुबह 6:29 से सुबह 7:39 तक शुभ मुहूर्त है। पंडित शक्ति मिश्रा कहते हैं कि नवरात्रि में कलश स्थापित करने से मां दुर्गा की पूजा बिना किसी विघ्न के पूरी होती है। घर में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इस बार शक्ति की उपासना का त्योहार चैत्र नवरात्रि पर बेहद दुर्लभ योग का संयोग बन रहा है। इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल और ब्रह्म योग से हो रही है।
चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से 30 मार्च तक नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की पूजा का विशेष विधि विधान है। मां दुर्गा को सुख और समृद्धि की माता भी कहा जाता है। नवरात्रि में पूरे भक्ति भाव और विधि विधान से पूजा करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इन दिनों में घरों में अखंड ज्योति जलाई जाती है, घट स्थापना भी की जाती है। इस बार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से 30 मार्च तक चलेगी । कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में की जाए तो बेहद फलदायी होता है।
Hindi News / Lucknow / Kalash Sthapana: चैत्र नवरात्रि पर बेहद बना दुर्लभ योग का संयोग, शुभ मुहूर्त के साथ करें मां की आराधना