15 से 20 दिनों तक दवा का करना होगा सेवन सीडीआरआई के निदेशक डॉ. डी श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि संस्थान और ट्रोइका फार्मास्युटिकल के बीच प्रभावी रैपिड फ्रैक्चर-हीलिंग दवा की तकनीक के आगे के विकास, निर्माण और व्यावसायीकरण लाइसेंस के लिए समझौता किया है। सीडीआरआई प्रवक्ता डॉ. संजीव यादव ने बताया कि फ्रैक्चर की दशा में मरीजों को दो से तीन माह तक प्लास्टर बांधने की जरूरत पड़ती है। लेकिन सीडीआरआई ने जो दवा खोजी है, उससे मरीजों को राहत मिलेगी। दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह पर 15 से 20 दिन करना पड़ेगा। हालांकि, इस दौरान टूटी हड्डी आपस में जुड़ जाएगी। मरीज को प्लास्टर भी बंधवाना होगा। इससे हड्डियों के गलत जुड़ने के खतरे को भी टाला जा सकेगा।
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