दरअसल, वर्ष 2020 के बजट में बैंक का एक नियम बना दिया गया था। इस नियम के मुताबिक अगर जिस बैंक में आपका पैसा जमा है, वो बैंक अगर किसी वित्तीय संकट में फंस गया है तो बैंक के ग्राहकों को डिपॉजिट इंश्योरेंस का क्लेम 90 दिन यानि तीन महीने के अंदर मिल सकेगा। इसके लिए सरकार ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानि DICGC ऐक्ट में संशोधन किया है। यानि कि अगर किसी बैंक पर मॉरेटोरियम लगा दिया गया है तो ग्राहक DICGC कानून के तहत 90 दिन के भीतर 5 लाख रुपए तक वापस ले सकेंगे। साल 2020 में सरकार ने डिपॉजिट पर इंश्योरेंस कवरेज (DICGC Insurance Premium) बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया था।
यह भी पढ़ें
Cash Limit for Home: घर में कितना रखें कैश? ज़रूर जान लिजिए यह नियम, वरना हो सकती है जेल
यानि इस नियम के मुताबिक कों में रखी आपकी 5 लाख रुपए तक की रकम सुरक्षित है। लेकिन, अगर आपने बैंक में 5 लाख रुपए से ज्यादा की रकम जमा की है तो? अर्थात अगर आपने एक ही बैंक में 10 लाख रुपए की FD की है। इसके अलावा उसी बैंक में आपका सेविंग एकाउंट भी चलता जिसमें भी आपने 4-5 लाख रुपये जमा किये हैं तो बैंक डूबने की स्थिति में 5 लाख रुपए ही आपको वापस मिलेंगे। क्या कहते हैं एक्सपर्ट एक्सपर्ट की मानें तो पिछले 50 साल में देश में शायद ही कोई बैंक दिवालिया हुआ है। इसके अलावा आपके पैसे की सुरक्षा के लिए बैंक अब हर 100 रुपए के जमा पर 12 पैसे का प्रीमियम देंगा, पहले यह 10 पैसे था।
आ सकते हैं इनकम टैक्स की नजर में बैंक में ज्यादा पैसे रखने का दूसरा जो नुकसान होता है वो यह कि पहला तो ये कि अकाउंट में अधिक पैसों की वजह से आप इनकम टैक्स की नजर में आ सकते हैं। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। आपके पैसों पर इनकम टैक्स का नोटिस तभी आएगा, जब उन पैसों का कोई सोर्स पता न हो। इसलिए आपको बैंक में जमा अपने पैसों की पूरी डिटेल रखनी होगी कि पैसा कहां से आया, आपके अकाउंट में कैसे जमा हुआ।
अगर आपके बैंक अकाउंट में अधिक पैसा हो और आप इनकम टैक्स के सामने उन पैसों के सोर्स को साबित नहीं कर पाए तो फिर मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। आपके बैंक अकाउंट सो सीज किया जा सकता है, आप पर कार्रवाई हो सकती है।
यह भी पढ़ें