संतोषी दासलखनऊ. आपको आज एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां रमज़ान के महीने में रात नहीं होती। यहां दिन और रात एक जैसे हो जाते हैं। रात में लोग सोते नहीं और दिन में अपने कामों में व्यस्त रहते हैं। यह शहर है नवाबों की नगरी लखनऊ। आज हम आपके सामने पुराने लखनऊ के राज़ को खोलने जा रहे हैं जहां पूरी रात जश्न सा माहौल रहता है। यह जश्न अवध के ज़ायके को चखने के लिए होता है। एक महीने तक रात को अवध का स्वाद इस कदर शहर में महकता है की लोग खींचे चले जाते हैं। नवाबों के शहर लखनऊ का पुराना हिस्सा आज भी पुराने इतिहास को ज़िंदा रखे हुए है। नवाबी दौर के खान पान यहां आने वाले लोगों की ज़ुबां पर पानी ले आते हैं। इस शहर की पतली गलियां, संकरे रस्ते और मुग़ल आर्किटेक्चर का गौरव- बड़ा इमामबड़ा की झलक, शानदार गुम्बदें, घंटाघर, रूमी दरवाज़ा नवाबों की शान बयां करने के लिए काफी हैं। नवाबों के इस शान के साथ जुड़ी हैं उनके खान-पान का शौक। यह शौक यहां के लोगों में आज भी ज़िंदा है। जिसका नज़ारा रमज़ान में बखूबी दिखता है। रमज़ान में आइए अवध बुला रहा है शहर रोज़ेदार रमज़ान में इफ्तार के बाद अवध का स्वाद चखने रात में निकल पड़ते हैं। शाम ढलने के बाद लखनऊ जवां होने लगता है। कश्मीरी चाय की महक, बिरयानी की खुशबू, मसालों में लिपटे कवाब की जादुई खुशबु लोगों को अपनी तरफ खींचता है। शॉपिंग, खाना और मस्ती में शहर डूब जाता है। इस नज़ारे को देखने के लिए कई टूरिस्ट रमज़ान के एक महीने लखनऊ में गुजारते हैं। मुस्लिम समुदाय ही नहीं अवध के स्वाद का चटखारा लगाने के लिए दूसरे समुदाय के लोग भी रात नहीं होती इस शहर में रमज़ान के महीने में इस शहर में रात नहीं होती। लोग रात को घूमने निकलते हैं। शहर के ऐतिहासिक इमारतों को रात की रोशनी में देखना एक अलग ही अनुभव करता है। इस शहर में आने वाले टूरिस्ट का मकसद घूमना और यहां के ज़ायके को चखना है जो लोग कभी भूल नहीं पाते। फ़ूड लवर्स के लिए यह अच्छा डेस्टिनेशन माना जाता है। रात भर अमीनाबाद, चौक, नक्खास, हज़रतगंज में दुकानें खुली रहती हैं। इन दुकानों में हलकी आंच पर पकने वाली निहारी, क्रिस्पी कुलचे, कई तरीकों से बनने वाल कवाब और मिठाई ख़ास मिलती है। नॉनवेज के शौक़ीन के लिए यह शहर किसी स्वर्ग से कम नहीं माना जाता। लखनऊ में तीन स्पॉट हैं आइये ले चलते हैं आपको वहां चौक, अमीनाबाद और हज़रतगंज। आइये पहले आपको चौक ले चलते हैं। चौक शहर के पुराने बाज़ारों में से एक है। आपको यहां पतली गलियां, लोगों की भीड़, साइकिल, रिक्शा और कार के बीच से निकल कर अपने लक्ष्य पर अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए बहुत फ़ोर्स की ज़रूरत पड़ेगी। दिन की तरह रमज़ान में रात को भी सड़क पर पैर रखना मुश्किल हो जाता है। इसके बावजूद यहां आपका बिताया गया समय ज़ाया नहीं होगा। यहां रात की शॉपिंग और चटखारे आपकी थकान मिटा देगी। चौक में हैं तो इदरिस की बिरयानी खान ना भूलें चौक के पतनला के पास छोटी सी दिखने वाली इदरिस की बिरयानी की महक दुनियाभर के बिरयानी के शौकीनों तक पहुंच चुकी है। देशी विदेशी पर्यटक यहां ख़ास मसालों से तैयार बिरयानी खाने ज़रूर आते हैं। रमज़ान की रात तो इस दुकान के बाहर मजमा लगा रहता है। पूरी रात बिरयानी बनती और बिकती है। इस दुकान की मटन बिरयानी का स्वाद आप कभी भूल नहीं पाएंगे। हलके मसाले और मुलायम मीट को ख़ास तरह से बनाया जाता है। टुंडे के कबाब का चखें स्वाद लें अकबरी गेट पर यह कहने की जरुरत नहीं है की लखनऊ के कबाब पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। इसकी शहर में कई शाखाएं हैं। एक चौक में है जो सिर्फ बीफ परोसते हैं। इस दुकान में गलती कबाब फेमस है जो बुजुर्ग नवाबों के लिए ईजाद किया गया कबाब है। दांत ना होने की वजह से नवाब नॉनवेज का स्वाद बेहद सॉफ्ट गलोटी कबाब के साथ लेते थे। यहां आपको पतले और परतदार परांठे कबाब के साथ मिलेंगे। कबाब में मसालों का फ्लेवर इतना अच्छा होता है की आप इसे बस खाते ही रह जायेंगे। रहीम्स में मिलेगा स्पेशल जायका चौक के अकबरी गेट के बॉस रहीम्स की शॉप है। यहां कुक कबाब जो की सीख में डालकर ग्रिल किया जाता है। इसे लोग काफी पसंद करते हैं। तंदूर में तैयार शीरमाल को नल्ली निहारी के साथ परोसा जाता है। अमीनाबाद में हैं तो चखिए वाहिद बिरयानी अमीनाबाद की छोटी सी दिखने वाली शॉप में बनने वाली बिरयानी के आगे सब फेल हैं। इस दुकान में बिरयानी 55 मसालों से तैयार की जाती है। इसके कई आउटलेट्स शहर में खुल चुके हैं। यहां मिलने वाले चिकन बिरयानी में तीन तरह के चावल का इस्तेमाल होता है। सफ़ेद, भूरे और पीले। यह काफी नम, मिल्की, और चिकन के टुकड़े हड्डियों तक पके होते हैं। देखने में भले ही आपको यह अच्छा ना लगे लेकिन इसका स्वाद जुबां पर आपको ताउम्र याद रहेगा। यह अमीनाबाद में नाज़ सिनेमा रोड पर है। अमीनाबाद में आलमगिर का कबाब दोपहर को चार बजे खुलने वाली यह दुकान कबाबों के दीवानों के लिए ख़ास है। यहां 20 रूपए में शाही टोस्ट का स्वाद चखने को मिलता है। यह टोस्ट मुंह में डालते ही हलकी मिठास देते हुए घुल जाता है। यहां बिरयानी, करी और परांठे मिलते हैं। रोज़ेदारों को भाता है प्रकाश कुल्फी का मिठास रात को खाने के बाद अगर मीठा खाने का दिल करे तो प्रकाश कुल्फी है अमीनाबाद में। यहां कुल्फी में केसरिया स्वाद मिलता है। क्रीम से भरी इस कुल्फी में खास बात यह है की यह बेहद मुलायम होती है। कुल्फी को फालूदा के साथ परोसा जाता है। अमीनाबाद में मार्केटिंग करने वाले लोग इस कुल्फी का स्वाद चखे बगैर नहीं लौटते। हज़रतगंज में हैं तो आइये दस्तरखां यूपी प्रेस क्लब से सटा हुआ दस्तरखांरेस्टोरेंट नॉनवेज खाने वालों के लिए बेहद ख़ास जगह है। यहां बिरयानी की खुशबू दूर दूर तक फैली है। यहां मटन बिरयानी और चिकन बिरयानी लोगों को काफी पसंद आती है। यहां मिलने वाल चिकन डिश काफी गाढ़ी होती है। यहां का मटन कोरमा काफी लज़ीज़ होता है। तो उम्मीद करते हैं की अगर आप लखनऊ आ रहे हैं तो रमज़ान की नाईट लाइफ स्टाइल को एन्जॉय करने के लिए चौक, अमीनाबाद और हज़रतगंज जरूर जायेंगे