दरअसल एक दिन पूर्व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि समाजवादियों द्वारा बनाई बेहतरीन मेट्रो में बैठने से पहले, लखनऊ की सड़कों पर घूम रहे पांच हज़ार लावारिश जानवरों के पालन पोषण का सरकार इंतजाम करे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में 5 सितंबर को शुरू होने जा रही मेट्रो को लेकर यह ट्वीट किया था। भाजपा मुख्यालय में जन समस्याओं की सुनवाई के दौरान पत्रकारों ने अखिलेश यादव के ट्वीट पर कैबिनेट मंत्री से सवाल पूछा जिस पर उन्होंने प्रतिक्रिया दी।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि स्वाभाविक रूप से समाज के सभी लोगों की हिस्सेदारी शासन और सत्ता में सुनिश्चित हो इस बात के लिए हमारी पार्टी प्रतिबद्ध हैं। नारे के मुताबिक हम जहां सबके साथ की बात कर रहेे है, वहीं हमें सबकेे विकास की भी चिन्ता है। यही कारण है कि हम सब को साथ लेकर चलने में यकीन करते हैं। सबका विकास हो, सभी विकास की मुख्यधारा में खडे़ हो, तभी राष्ट्र का सही मायने में उत्थान व विकास हो सकता है, जिसको भारतीय जनता पार्टी व्यवहारिक रूप से सुनिश्चित कर रही है।
मौर्य ने कहा कि किसी के भ्रष्टाचार पर हम मुहर लगा दें, इसलिए हमारी सरकार नही बनी। हमारे कार्यो में पारदर्शिता हो, जनता की गाढी कमाई के एक-एक पैसे का सदुपयोग हो, कोई भी विकास के नाम पर सरकारी खजाने को लूटने का दुस्साहस न कर सके। जिस प्रकार से सैकडों करोड़ रूपया साज-सज्जा के नाम पर लोगों ने डकारने का काम किया हैं, हमारे मुख्यमंत्री ने उसकी जांच सीबीआई को सौपी है इसलिए जल्दीबाजी में कुछ भी बयानबाजी कर देना उचित प्रतीत नही होता है। विपक्षी पार्टी के लोगों को भी सीबीआई जांच के परिणाम का इंतजार करना चाहिए।
नोटबन्दी पर पूछे गए सवाल का जबाब देते हुए मौर्य ने कहा कि नोटबन्दी का देश की जनता ने बहुत ही गर्मजोशी के साथ स्वागत किया है। जिस प्रकार से नोटबन्दी के बाद देश के तमाम विधानसभा चुनावों के परिणाम भारतीय जनता पार्टी के पक्ष आए हैं वह इस बात को प्रदर्शित करता है कि जनता ने नोटबन्दी का स्वागत किया है। केवल बडे-बडे वे मगरमच्छ जो हजारों करोड़ अरब रूपया अपने घर के अन्दर बन्द करके रखे थे, नोटबन्दी से उनकी सारी की सारी काली कमाई पर पानी फिर गया, उनके मंसूबें फेल हो गए, तो स्वाभाविक रूप से उनको दर्द हुआ होगा, उनको पीड़ा होगी और वे विरोध भी करेेंगे लेकिन देश की जनता ने नोटबन्दी का स्वागत किया है।