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अखिलेश की सरकार में बेकसूर निषादों पर चली गोलियां, हम मछुआ समाज फुटबॉल नहीं: संजय निषाद

संजय निषाद बोले, अगर अखिलेश यादव निषाद समाज के पक्षधर थे तो गोली चलवाने का आदेश क्यों दिया?

लखनऊFeb 24, 2023 / 09:39 am

Ritesh Singh

मंत्री पद का लालच नहीं

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर कैबिनेट मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद ने कहा कि राज्य सरकार के पास अधिकार ही नहीं किसी जाति को अनुसूचित में शामिल करने का तब भी मछुआ आरक्षण पर घड़ियाली आंसू बहाकर आरक्षण देती थी और बसपा कोर्ट से स्टे लेने का कार्य करती थी।
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सपा,बसपा, कांग्रेस ने वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया

उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी शुरू से ही जातिगत जनगणना के पक्षधर में रही है बस जातियों की विसंगतियों को दूर करने के बाद ही जातिगत जनगणना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले यह तय हो जाना चाहिए कि राष्ट्रपति द्वारा जारी सेंसस मैनुअल 1961 के आधार पर मछुआ, मझवार समाज अनुसूचित का हकदार है, लेकिन पूर्व की सपा,बसपा, कांग्रेस की सरकार माध्यम से मछुआ समाज को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया है
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मछुआ समाज को फुटबॉल की तरह गुमराह किया गया

पूर्व की सरकारों ने अपने केवल एक वर्ग विशेष का ध्यान और उत्थान करने लिए मझवार आरक्षण के नाम पर मछुआ समाज को फुटबॉल की तरह समझकर बरगलाने का काम किया और आज बिहार राज्य की सरकार भी यही कर रही है, उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को यह साफ कर देना चाहिए कि बिहार के निषाद,मछुआ समाज को अनुसूचित में गिनने का कार्य करेंगे या फिर पिछड़े वर्ग में, क्योंकि जातिगत जनगणना तभी सफल होगी, जब संबंधित सभी जातियों को सेन्सस मेनुअल 1961 के आधार पर गिना जाए।
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नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के कटाक्ष का जवाब

कहा कि निषाद पार्टी और निषाद पुत्र कभी किसी मोहमाया और लालच में नही फसते हैं, निषाद पुत्र अपनी जान को जोखिम में डाल कर ना जाने रोजाना कितने लोगों को जीवन दान करते हैं। उन्होंने कहा कि समाज के हित के लिए मंत्री नहीं दुनिया के सभी सुखों का त्याग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले अपने समाज को वो विकास की मुख्यधारा से जोड़ ले, फिर अखिलेश सवाल पूछेगें की कितने निषाद पुत्रो का उन्होंने अपने 4 शासनकाल में किया।
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अखिलेश के शासनकाल में फर्जी 302 का मुकदमा लगा

अखिलेश के शासनकाल में लगे फर्जी 302 का मुकदमा लगाया गया था। 7 जून 2015 को निषाद पार्टी अपने समाज के हक के लिए रेल रोको आंदोलन कर रही थी, और रेलवे पर केंद्र का अधिकार होता है राज्य सरकार का नहीं, अगर आप निषाद समाज के पक्षधर थे तो गोली चलवाने का आदेश क्यों दिया? हमारा एक भाई पुलिस फायरिंग में शहीद हो गया, उन्होंने कहा कि अखिलेश सहित सभी नेता निषाद समाज की चिंता करना छोड़ दें, उसके लिए निषाद पार्टी और डॉ संजय हैं।

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