लखनऊ

मायावती के लिए चुनौती से कम नहीं है यूपी उपचुनाव, दो हिस्सों में बंट सकता है बसपा का दलित वोटबैंक

UP Bypolls 2024: उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में जीत के लिए बसपा ने पूरी ताकत लगा दी है। यह चुनाव कई मायनों में बसपा के लिए अहम है। आइए जानते हैं।

लखनऊNov 11, 2024 / 03:19 pm

Vishnu Bajpai

UP Bypolls 2024: उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर सभी पार्टियां मैदान में उतर चुकी हैं। यह उपचुनाव बसपा के लिए खास मायने रखता है, क्योंकि उपचुनाव से हमेशा दूरी बनाकर रखने वाली बसपा इस बार अपने दम पर पूरे जोश के साथ चुनावी मैदान में हैं। दूसरी ओर, लोकसभा चुनाव में अपने सिंबल पर चुनाव जीते आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी जनता के बीच अपनी पैठ बना रहे हैं। लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद नगीना सांसद चंद्रशेखर दलित मतदाताओं की नई उम्मीद के रूप में देखे जा रहे हैं। राजनीति के जानकारों की मानें तो इस चुनाव में बसपा को मिलने वाले मत प्रतिशत से यह साफ होगा कि बसपा का मूल वोटबैंक उसके साथ बना है या फिर उसमें सेंध लग चुकी है।

यूपी उपचुनाव 2024 में फूंक-फूंककर कदम रख रहीं मायावती

यूपी की नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव 2024 में पूरे दमखम के साथ उतरी बसपा ने प्रत्याशियों के चयन में जातिगत समीकरणों का ध्यान भी रखा है। इसके पीछे की मंशा यही है कि हर हाल में बसपा का कोर वोटर माना जाने वाला दलित वोटबैंक बसपा के साथ ही रहे। मायावती ने पूरी रणनीति के साथ अपने पूर्व सांसदों और विधायकों की सीटवार ड्यूटी भी लगाई है।
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जब तक उपचुनाव संपन्न नहीं हो जाता, बसपा के पूर्व सांसद और विधायक अपने-अपने कैंप कार्यालयों में डटे रहेंगे। दूसरी ओर आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी मतदाताओं के बीच जाकर उन्हें अपने पक्ष में करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि यूपी का दलित वोटबैंक दो हिस्सों में बंट सकता है।

लोकसभा चुनाव में बसपा को लग चुका है तगड़ा झटका

यूपी में बसपा का जनाधार लगातार गिर रहा है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा को 22.23 मत मिले थे और 19 सीटें जीती थीं। 2022 में 12.88 वोट और एक ही सीट मिली। दो लोकसभा चुनावों की बात करें तो 2019 में 19.43 मत मिले थे और 10 सीटें जीती थीं। उस समय बसपा-सपा गठबंधन था। वर्ष 2024 में अपने दम पर जब चुनाव लड़ी तो मत प्रतिशत 9.35 रह गया और एक सीट भी नहीं जीती। इस बार मायावती ने उपचुनाव में पूरे समीकरणों को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशी उतारे हैं। ऐसे में यह उपचुनाव बहुजन समाज पार्टी का भविष्य भी तय करने वाला है।
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चंद्रशेखर दलित वोटरों में लगातार बढ़ा रहे जनाधार

यूपी उपचुनाव 2024 में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद भी पूरी ताकत के साथ डटे हैं। वह लगातार दलित मतदाताओं के बीच जाकर अपने पक्ष में वोट मांग रहे हैं। बीते दिनों प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट पर प्रचार के लिए पहुंचे चंद्रशेखर ने जनता से बसपा को छोड़कर उनकी पार्टी को वोट देने की अपील भी की। चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि बहुजन समाज ने मायावती जी को बहुत मौके दिए। अब आजाद समाज पार्टी को मौका देने का समय है। इस दौरान एक सवाल के जवाब में चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि मायावती से उनके वोटबैंक पर कोई खतरा नहीं है।

मायावती से वोट बैंक को खतरा नहीं

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती से आजाद समाज पार्टी के वोट बैंक के खतरे के सवाल पर चंद्रशेखर ने कहा “उनसे हमें कोई खतरा नहीं है। मायावती मुझसे बड़ी हैं और मैं उनका सम्मान करता हूं।” इसके बाद उन्होंने जनता को संदेश देते हुए कहा कि बहुजन समाज ने मायावती जी को बहुत मौके दिए।
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अब आजाद समाज पार्टी को मौका देने का समय है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग आम आदमी पार्टी, कांग्रेस पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी को छोड़कर आजाद समाज पार्टी से जुड़ रहे हैं। इससे हमारी पार्टी की ताकत बढ़ रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि मायावती को बड़ा बताकर उपचुनाव में नगीना सांसद चंद्रशेखर अपने पक्ष में माहौल बना रहे हैं।

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