यह भी पढ़ें- PM Narendra Modi Varanasi Visit Update: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी पहुंचे, हेलिकॉप्टर से बीएचयू रवाना, 1475 करोड़ की देंगे सौगात उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी शहरों में अवैध आवासीय सोसायटी कुकुरमुत्ते की तरह पनप रही हैं। प्रॉपर्टी डीलर्स किसानों से सस्ते में जमीन खरीदते हैं और प्लॉट काटकर मोटा पैसा कमाते हैं। प्लॉटिंग के दौरान प्रॉपर्टी डीलर्स तमाम सुविधाएं देने का दावा करते हैं, लेकिन जमीन बेचते ही गायब हो जाते हैं। इतना ही नहीं कुछ प्राॅपर्टी डीलर तो बगैर जमीन ही लोगों से मोटा पैसा लेकर गायब हो जाते हैं। इसके बाद इन अवैध सोसायटी के विकास के लिए शासकीय विभागों पर काम कराने का दबाव डाला जाता है। इन अवैध सोसायटियों में बगैर किसी अनुमति और बिना नक्शा पास कराए ही मकान बना दिए जाते हैं। ऐसी सोसायटी पर कार्रवाई की व्यवस्था तो है, लेकिन उसके बावजूद इन पर रोक नहीं लग पा रही है। अब नई व्यवस्था के तहत अवैध प्लाटिंग करने वालों को स्थानीय पुलिस की मदद से मौके पर ही रोका जाएगा।
कृषि भूमि को आवासीय में परिवर्तित कराने पर भी प्लाटिंग नहीं नई व्यवस्था के तहत शहर में आवासीय सोसायटी बसाने वालों के लिए लेआउट पास कराना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही कृषि भूमि को आवासीय में परिवर्तित कराने पर भी प्लाटिंग नहीं की जाएगा। इस तरह की सोसायटी को विकास प्राधिकरण चिन्हित कर लिस्ट जारी करेंगे। प्रापर्टी डीलर्स से जमीन के दस्तावेज मांगे जाएंगे, अगर वह नहीं दिखा पाए तो प्लॉटिंग रोक दी जाएगी। इसके बावजूद अगर प्लाटिंग की तो एफआईआर के साथ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा प्लॉट खरीदने वालों को भी जागरूक किया जाएगा।
प्रदेशभर में 2942 अवैध कॉलोनियां अवैध बता दें कि यूपी के सभी शहरों में अवैध प्लाटिंग या फिर झांसा देकर प्लॉट बेचने की शिकायतें आती रहती हैं। पिछले कुछ माह में ही 10 हजार से ज्यादा शिकायतें आई हैं। आवास विभाग को विकास प्राधिकरणों के अनुसार, प्रदेशभर में 2942 अवैध कॉलोनियां अवैध हैं, जिनमें से 1880 वैध कराने के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं। नोटिस के बाद अब तक केवल 210 अवैध कॉलोनियों को वैध कराने के लिए आवेदन किया गया है।