22 अक्तूबर से हड़ताल का ऐलान
हड़ताल के ऐलान वाले मोर्चा से रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद को छोड़कर बाकी सभी कर्मचारी यूनियन जुड़ी हैं। यूनियनों के ड्राइवर-कंडक्टरों के कार्य बहिष्कार पर रहने से बसों का संचालन 80 फीसदी तक ठप हो सकता है। मोर्चा के संयोजक अशोक चौधरी का कहना है कि कार्य बहिष्कार की तैयारी कर दी है। मंडल स्तर पर बैठकें हो चुकी हैं। कर्मचारी 22 अक्तूबर की आधी रात से अगले 48 घंटे तक हड़ताल पर रहेंगे। उन्होंने बताया कि यूनियन से जुड़े सभी सदस्य हड़ताल पर अडिग हो चुके हैं। उनकी मांगें पूरी होने के बाद ही हड़ताल का फैसला वापस लिया जाएगा। ये भी पढ़ें:-
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उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति काफी विषम है। यहां के पर्वतीय क्षेत्रों में रेलवे सेवा नहीं है। साथ ही यातायात के अन्य साधनों की भी भारी कमी रहती है। अधिकांश लोग राडवेज बसों से ही सफर करते हैं। राज्य के हजारों लोग हर दिन रोडवेज पर सफर करते हैं। अधिकांश सड़कों पर दिन भर रोडवेज का संचालन होता है। रोडवेज बसों की हड़ताल से लोगों को परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। हड़ताल के कारण टैक्सी सेवा के लिए मारामारी हो सकती है। हड़ताल का ऐलान होते ही लोग परेशान हो हो उठे हैं।