केन-बेतवा लिंक परियोजना का महत्व
यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की कमी के संकट को हल करने के लिए शुरू की गई है। केन और बेतवा नदियों को जोड़कर इस परियोजना के तहत 2.51 लाख हेक्टेयर खेतों को पानी मिलेगा, जिससे कृषि क्षेत्र में सुधार होगा। साथ ही, बुंदेलखंड के 21 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा। इस परियोजना से सूखा और पानी की कमी जैसी समस्याओं का स्थायी समाधान मिलेगा, जो बुंदेलखंड के विकास के लिए एक नई दिशा का निर्माण करेगा। अटल बिहारी वाजपेयी की नदी जोड़ो योजना का हिस्सा
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नदी जोड़ो योजना के तहत केन-बेतवा लिंक परियोजना को खास महत्व प्राप्त है। अटल जी ने देश में बाढ़ और सूखे जैसी समस्याओं से स्थायी समाधान के लिए इस महत्वाकांक्षी योजना की कल्पना की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल जी के 100वें जन्मदिन पर इस परियोजना का शिलान्यास किया। यह परियोजना केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से पूरी हो रही है, जिसमें केंद्र सरकार 90% और राज्य सरकार 10% योगदान दे रही है।
योगी सरकार की पहल और तेज़ी से काम
यद्यपि इस परियोजना का शिलान्यास 25 दिसंबर को हुआ, लेकिन योगी सरकार ने पहले से ही इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया था। बुंदेलखंड के लोगों को इसका अधिकतम लाभ जल्दी से मिलने के लिए योगी सरकार ने कई तैयारियां पहले ही शुरू कर दी थीं। बांदा में केन-बेतवा लिंक परियोजना का कार्यालय खोल दिया गया है और चार जिलों में ट्रॉपोग्राफिकल सर्वे पूरा कर लिया गया है। अगले साल के शुरुआत में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का लक्ष्य है। इसके अलावा यूपी में 24 किलोमीटर लंबी नहर के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शीघ्र शुरू होगी। बुंदेलखंड का औद्योगिकीकरण
बुंदेलखंड की दो प्रमुख समस्याएं पानी की कमी और औद्योगिक विकास की कमी रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन दोनों समस्याओं पर खास ध्यान दिया है। बुंदेलखंड को औद्योगिक दृष्टि से सशक्त बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाओं पर काम शुरू किया है। बुंदेलखंड अब सोलर एनर्जी का हब बन रहा है। साथ ही, डिफेंस कॉरिडोर के जरिए क्षेत्र में औद्योगिक माहौल को मजबूती मिल रही है।
सरकार ने बुंदेलखंड के औद्योगिकीकरण के लिए 36 हजार एकड़ में एक बड़ा औद्योगिक कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई है। इसके अलावा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक केंद्र विकसित किए जा रहे हैं। इस योजना को “बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण” (बीडा) के तहत लागू किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र के विकास को और गति मिलेगी।
पानी की समस्या का समाधान
बुंदेलखंड में पानी की कमी को दूर करने के लिए योगी सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें अर्जुन सहायक नहर परियोजना सबसे महत्वपूर्ण थी, जिसे दो साल पहले पूरा किया गया। इसके अलावा, सरकार द्वारा सिंचाई और जल संरक्षण के लिए कई योजनाओं को लागू किया गया है। बुंदेलखंड में हर घर नल योजना पर भी विशेष ध्यान दिया गया है, जिससे लोगों को पीने का पानी उपलब्ध हो सके। इसके अलावा, सूखे के समय मवेशियों की प्यास बुझाने के लिए खेत तालाब योजना भी चलाई जा रही है। पिछले साल इस योजना के तहत 3,370 तालाब खुदवाए गए थे और इस वित्तीय वर्ष में 8,499 तालाब खुदवाने का लक्ष्य है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और कनेक्टिविटी
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बनने के बाद क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है। अब सरकार चित्रकूट को लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से जोड़ने का प्रयास कर रही है, जिससे क्षेत्र में व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। योगी सरकार का प्रयास बुंदेलखंड को उत्तर प्रदेश का स्वर्ग बनाने का है, और इसके लिए सरकार ने कई योजनाओं पर काम शुरू किया है। केन-बेतवा लिंक परियोजना एक अहम कदम है, जो क्षेत्र में पानी की कमी, कृषि संकट और जीवन की बुनियादी जरूरतों को दूर करेगा। इसके अलावा, औद्योगिकीकरण, जल संरक्षण, और बेहतर कनेक्टिविटी के प्रयास बुंदेलखंड के समग्र विकास में योगदान करेंगे। इस परियोजना से न केवल बुंदेलखंड का विकास होगा, बल्कि यह पूरे उत्तर प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।