scriptजिस घर से जुड़ी थी जिंदगी भर की यादें, उसे खाली करते समय फफक पड़ीं महिलाएं, लखनऊ में चला बुलडोजर | Bulldozer runs on 50 houses falling under Kukrail River Front in Lucknow | Patrika News
लखनऊ

जिस घर से जुड़ी थी जिंदगी भर की यादें, उसे खाली करते समय फफक पड़ीं महिलाएं, लखनऊ में चला बुलडोजर

UP News: यूपी की राजधानी लखनऊ के भीकमपुर में अवैध माने गए लगभग 50 घरों पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया। यहां के निवासियों को प्रशासन ने डूडा और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान अलॉट किए हैं।

लखनऊDec 10, 2023 / 03:33 pm

Vishnu Bajpai

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Bulldozer Running in Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के भीकमपुर में कुकरैल रिवरफ्रंट के दायरे में आ रहे 50 से ज्यादा मकानों पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया। इस दौरान कई पीढ़ियों की यादों को संजोए घर गिरने से लोग बिलखते नजर आए। हालांकि यहां से विस्‍थापित किए गए लोगों को लखनऊ के देवपुर पारा की डूडा कॉलोनी और बसंतकुंज के प्रधानमंत्री आवास में घर दिए गए हैं। लोगों को नए मकानों तक पहुंचाने के लिए सरकारी वाहन की सुविधा मुहैया कराई गई थी। इसके बावजूद यहां से जाने के लिए लोगों के पैर नहीं बढ़ रहे थे।
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दरअसल, यूपी की राजधानी लखनऊ के भीकमपुर में 50 से ज्यादा पुराने मकान कुकरैल रिवरफ्रंड योजना के दायरे में आ रहे थे। प्रशासन ने इन मकान स्वामियों को घर खाली करने का नोटिस जारी किया था। इन मकानों के एवज में यहां रहने वालों को डूडा कॉलोनी और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान आवंटित किए हैं। इसके बावजूद बुलडोजर पहुंचने पर यहां का नजारा बदल गया। घर खाली करते लोगों के लिए ये बहुत भावुक क्षण था। जिस घर में बच्चे जन्मे, बड़े हुए, यहीं उनके शादी-विवाह हुए। उसकी यादों को छोड़कर जाना किसी के लिए आसान नहीं था। यहां कई परिवार ऐसे हैं, जो पिछले 60-70 सालों से यहीं रह रहे थे। सभी का दिल भारी था और आंखें नम थीं।
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लखनऊ में बुलडोजर की कहानी, पढ़िए लोगों की जुबानी
लखनऊ में टूटने वाले घरों से लोग पूरे दिन परिवार दरवाजा-चौखट, खिड़की आदि निकालते रहे। इसी बीच सहानुभूति जताने नाते-रिश्तेदार भी पहुंचे, जो घरों की दुर्दशा को देख करके रोते-बिलखते नजर आए। वहीं पुराना घर छूटने से आहत कपिल मौर्या ने बताया कि हमें तो अब बच्चों की पढ़ाई की चिंता है। यहां रहने वाले परिवारों के बच्चे महानगर, इदिरानगर, गोमतीनगर, हजरतगंज क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ते हैं। नए घर से ये इलाके काफी दूर हैं। ऐसे में उनकी पढ़ाई कैसे होगी?
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बड़े परिवारों को मिले दो मकान, एक मुफ्त तो दूसरा किस्तों में 4.69 लाख का
जिला प्रशासन, पुलिस, एलडीए और नगर निगम की टीम ने विस्थापित किए गए लोगों से घरों को खाली कराने एवं खाली घरों को तोड़ने का सिलसिला बुधवार सुबह 7:30 बजे शुरू किया। पहले दिन शाम 7:30 बजे तक नसीम, पप्पू खान, मुराद अली, मोहम्मद नईम, दौलतराम, जगमोहन, राम अजोर, उमेश चंद यादव समेत 12 घर जमींदोज किए गए।
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एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि भीकमपुर के विस्थापितों को देवपुर पारा की डूडा कॉलोनी एवं एलडीए की बसंतकुंज कॉलोनी में प्रधानमंत्री आवास के अपार्टमेंट में समायोजित किया गया है। एलडीए एवं डूडा के कुल 72 घर दिए गए। उन्होंने बताया कि जिनके परिवार में सदस्य ज्यादा हैं या जिनके तोड़े जाने वाले घर बड़े थे उनको डूडा कॉलोनी में एक घर के साथ ही प्रधानमंत्री आवास दिए गए हैं। डूडा का घर मुफ्त में दिया गया है। वहीं प्रधानमंत्री आवास के लिए किस्त में 4.69 लाख रुपये चुकाने होंगे।

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