हर साल नगर निगम कराता है जर्जर इमारतों का सर्वे
दरअसल, नगर निगम ने राजधानी में नगर निगम ने 278 जर्जर भवन चिह्नित किए हैं। इनमें तमाम भवन बेहत खतरनाक स्थिति में आ गए हैं। लगातार बारिश होने पर इन भवनों के गिरने का खतरा रहता है। बारिश से पहले नगर निगम प्रति वर्ष इन भवनों का सर्वे कराता है। इसके बाद भवन स्वामियों को नोटिस जारी किया जाता है। इस बार भी सर्वे में 278 भवन जर्जर चिह्नित किए गए हैं। इन भवनों के स्वामियों को नगर निगम ने नोटिस जारी कर स्वतः ध्वस्त करने को कहा है। मगर किसी ने निर्माण नहीं ध्वस्त कराया है। नगर निगम ने सूची एलडीए को भेज इन्हें गिरवाने को कहा गया है।
एलडीए ने अभी तक नहीं साफ किया अपना रुख
नगर आयुक्त डॉ. इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि बिल्डिंग ध्वस्त करने का अधिकार एलडीए के पास है। नगर निगम के पास नहीं। इससे शहर में चिहिनत कराई गई सभी जर्जर बिल्डिंग की सूची एलडीए को भेज दी गई है। एलडीए से भवन उपविधि के अनुसार इनका ध्वस्तीकरण कराने के लिए कहा है। अब देखना ये है कि एलडीए इन इमारतों पर बुलडोजर चलवाता है, या हर साल की तरह इस बार भी सिर्फ सूची बनकर ही रह जाएगी। बहरहाल एलडीए ने अभी इस मामले में अपना रुख साफ नहीं किया है।