उन्होंने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी के साथ यादव समाज नहीं टिका रह सका, यादव बाहुल्य सीटों पर भी सपा के मजबूत उम्मीदवार को भी हरा दिया है। बदायूं, कन्नौज और फिरोजाबाद सीट पर सपा प्रत्याशियों का हार जाना हमें बहुत कुछ सोचने को मजबूर करता है। चुनाव परिणाम में ईवीएम की भूमिका खराब रही है। सपा बसपा का बेस वोट जुड़ने पर हमें नहीं हारना चाहिए था। ऐसी स्थिति में यह आंकलन किया जा सकता है कि जब सपा का बेस वोट खुद सपा को नहीं मिला , तो बीएसपी को कैसे मिला होगा।
इस शर्त पर रहेगा गठबंधन मायावती ने आगे गठबंधन पर कहा कि यह कोई स्थाई विराम नहीं है। यदि हम भविष्य में महसूस करते हैं कि सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्य में सफल होते हैं, तो हम फिर से एक साथ काम करेंगे। लेकिन अगर वह सफल नहीं होता है, तो हमारे लिए अलग से काम करना अच्छा रहेगा, इसलिए हमने अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है।
यह भी पढ़ें- केंद्र में मंत्री बनने के बाद महेंद्र नाथ पांडेय ने सबसे पहले उठाया ये बड़ा कदम, जल्द होगा यहां विकास कार्य– माया के भतीजे अकाश ने किया ट्वीट मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने अपने ट्विटर अकाउंट से मंगलवार को जानकारी यह बताया कि सपा-बसपा गठबंधन टूट नहीं रहा है केवल उपचुनाव अकेले लड़ने की बात है। बीएसपी उपाध्यक्ष आकाश आनंद ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है कि…
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आज माननीय बहन जी द्वारा दिल्ली स्थित बसपा कार्यालय में हुई बैठक में पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष आर एस कुशवाहा, राज्य में पार्टी के सभी विधायक, नवनिर्वाचित सांसद, प्रदेश के सभी जोनल कोऑर्डिनेटर के अलावा सभी जिला अध्यक्षों को भी बुलाया और उन्हें निर्देश दिया कि लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी द्वारा गठबंधन को जमीनी स्तर पर और मजबूत बनाने के लिये गठित की गयी भाईचारा समितियों को आगे भी काम करते रहने को कहा है। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती जी के बारे में कुछ देर से ही इस तरह के बयान मीडिया में आ रहे थे कि उन्होंने कहा है कि आने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी। परन्तु अब इन खबरों का बसपा ने खंडन किया है। बसपा ने कहा है कि गठबंधन के भविष्य को लेकर किसी तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया है और मीडिया में आ रही सभी खबरें गलत हैं। बसपा ने कहा कि मीटिंग में इस बारे में चर्चा हुई कि चुनाव में हार कैसे हुई और EVM को लेकर भी डिस्कशन किया गया, लेकिन गठबंधन के भविष्य को लेकर कोई भी फ़ैसला नहीं लिया गया। कृप्या किसी भी प्रकार की अफवाह पर कोई भरोसा न करें और गोदी मीडिया पर तो बिलकुल नहीं।
आज माननीय बहन जी द्वारा दिल्ली स्थित बसपा कार्यालय में हुई बैठक में पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष आर एस कुशवाहा, राज्य में पार्टी के सभी विधायक, नवनिर्वाचित सांसद, प्रदेश के सभी जोनल कोऑर्डिनेटर के अलावा सभी जिला अध्यक्षों को भी बुलाया और उन्हें निर्देश दिया कि लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी द्वारा गठबंधन को जमीनी स्तर पर और मजबूत बनाने के लिये गठित की गयी भाईचारा समितियों को आगे भी काम करते रहने को कहा है। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती जी के बारे में कुछ देर से ही इस तरह के बयान मीडिया में आ रहे थे कि उन्होंने कहा है कि आने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी। परन्तु अब इन खबरों का बसपा ने खंडन किया है। बसपा ने कहा है कि गठबंधन के भविष्य को लेकर किसी तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया है और मीडिया में आ रही सभी खबरें गलत हैं। बसपा ने कहा कि मीटिंग में इस बारे में चर्चा हुई कि चुनाव में हार कैसे हुई और EVM को लेकर भी डिस्कशन किया गया, लेकिन गठबंधन के भविष्य को लेकर कोई भी फ़ैसला नहीं लिया गया। कृप्या किसी भी प्रकार की अफवाह पर कोई भरोसा न करें और गोदी मीडिया पर तो बिलकुल नहीं।
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केशव प्रसाद मौर्य ने ली चुटकी बता दें कि सोमवार को मायावती ने गठबंधन खत्म करने का स्पष्ट संकेत करते हुए सभी 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ने का एलान किया था। वहीं इस पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने चुटकी ली है। उन्होंने लगातार दो ट्वीट किए। एक ट्वीट में केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा, ‘अब ‘हाथी’ नहीं करेगा ‘साइकिल’ की सवारी, मायावती जी अकेले ही लड़ेंगी सभी सीटों पर उपचुनाव! आखिर में बुआ ने बबुआ को धोखा दे ही दिया। हाथी और साइकिल का कोई मेल ही नहीं था, ये तो सिर्फ मोदी जी का विरोध ही था।
मौर्य ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘प्रदेश में अपना अस्तित्व बचाने के लिए बुआ-बबुआ साथ-साथ आए थे, लेकिन जनता तो सारा सच पहले से ही जानती थी और उसने सोच समझकर ही वोट किया.’ सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के सेंट्रल ऑफिस में सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में मायावती गठबंधन से नाखुश नजर आईं. उन्होंने कहा कि गठबंधन से पार्टी को फायदा नहीं हुआ. यादव का वोट हमारी पार्टी को ट्रांसफर नहीं हुआ।