मायावती ने
कांग्रेस पर कई आरोप लगाए। उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे कहा, “बाबा साहेब की मूवमेन्ट को गति देने वाले कांशीराम के देहांत के बाद इसी कांग्रेस ने केन्द्र में अपनी सरकार के रहते इनके सम्मान में एक दिन का भी राष्ट्रीय शोक तथा सपा सरकार ने भी राजकीय शोक घोषित नहीं किया। इनकी ऐसी दोगली सोच, चाल, चरित्र से जरूर सजग रहें।”
उन्होंने आगे लिखा, “
भाजपा की सत्ता आने से पहले कांग्रेस ने अपनी सरकार में राष्ट्रीय जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई थी, जो अब इसकी बात कर रहे हैं, जवाब दें। जबकि बीएसपी इसके हमेशा ही पक्षधर रही है, क्योंकि इसका होना कमजोर वर्गों के हित में बहुत जरूरी है।”
एससी, एसटी को मिले आरक्षण को खत्म करना चाहती है विपक्षी पार्टियां
मायावती ने लिखा, “इतना ही नहीं, संविधान के तहत एससी, एसटी को मिले आरक्षण में अब वर्गीकरण और क्रीमीलेयर के जरिए इसे निष्प्रभावी बनाने और खत्म करने की साजिश चल रही है। इसके विरोध में कांग्रेस, सपा और बीजेपी की चुप्पी साधे रखना क्या यही इनका दलित प्रेम है।”
सपा और कांग्रेस आदि जैसी इन आरक्षण विरोधी पार्टियों के साथ अब किसी भी चुनाव में इनसे कोई गठबंधन आदि करना क्या एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के हित में उचित होगा। यह कतई नहीं होगा ऐसे में अब इनको खुद अपने दम पर खड़े होना है।