ये भी पढ़ें- चित्रकूट जिला जेल फायरिंग मामले पर नाराज सीएम योगी ने कहा, छह घंटे में मामले की रिपोर्ट हाजिर करें अफसर जुर्माना भी लगाया जाए- राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को इस पर जानकारी दी कि ऐसी गतिविधियां न केवल नदियों को प्रदूषित करने का कारक है, बल्कि पूरे पारिस्थिति की तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है। ऐसे में अब सीएम के निर्देश पर इन गतिविधियों की निगरानी के लिए पीएसी की जल पुलिस और एसडीआरएफ की टीम लगातार गश्त करेगी। इसके अलावा, नदियों के किनारे स्थित सभी गांवों तथा कस्बों में संबंधित ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान तथा शहरों में कार्यकारी अधिकारी और नगर पालिका, नगर पंचायत और नगर निगमों के अध्यक्षों के माध्यम से समितियां बनाकर यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति परंपरा के नाते नदियों में शव प्रवाहित न करे। यदि जरूरी हो तो स्थानीय स्तर पर नदियों में शव बहाने वालों के खिलाफ जुर्माना भी लगाया जाए।
ये भी पढ़ें- यूपी में दस दिन में कम हुए एक लाख एक्टिव केस, 24 घंटे में आए 20463 नए मामले मृृतकों का हो सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार- सीएम योगी का निर्देश दिए है कि मृतकों की सम्मानजनक अंत्येष्टि के लिए धनराशि स्वीकृत की गई है और लावारिस शव के मामले में भी सम्मानजनक तरीके से धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अंतिम संस्कार कराया जाए। सरकार सभी की धार्मिक परंपराओं का सम्मान करती है। किसी भी दशा में धार्मिक परंपरा के नाते शव को नदी में न बहाने दिया जाए।
किसी व्यक्ति से नहीं लिया जाएगा शुल्क- सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यदि किसी परिजन के पास वित्तीय समस्या है अथवा मृतक के परिजनों की जानकारी नहीं हो, तो भी स्थानीय निकाय (नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम तथा ग्राम पंचायत) द्वारा विधिपूर्वक अंत्येष्टि कराई जाएगी। इसके लिए निकायों को प्रति अंतिम संस्कार के लिए 5,000 रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। किसी व्यवक्ति से इसके लिए शुल्क नहीं लिया जाएगा।