पहले रिपोर्ट निगेटिव, फिर फंगस की परेशानी राजधानी लखनऊ में इलाज करा रहीं सरस्वती वर्मा (63) ब्लैक, वाइट और येलो तीनों फंगस से पीड़ित हैं। एक महीने पहले उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। लेकिन बाद में चेहरे में भारीपन, आंख व सिर में दर्द शुरू हो गया। डायबिटिक भी थीं। परेशानी बढ़ने पर राजधानी अस्पताल में एडमिट हुईं। करीब 20 दिन पहले भर्ती हुई थीं। मरीज का इलाज करने वाले डॉ. अनुराग यादव ने कहा कि मरीज की कोविड जांच के बाद एमआरआई रिपोर्ट देखी गई तो फंगस की पुष्टि हुई। इसके बाद इंडोस्कोपी जांच हुई तो पता चला कि तीनों ही रंगों के फंगस हैं। नाक में ब्लैक फंगस पाया गया, साइनस में यलो और मैग्जिलरी बोन के ऊपर वाइट फंगस। लक्षणों का पता शुरुआती चरण में ही लग गया।
वाइट फंगस का हिस्सा है येलो फंगस डॉक्टर ने कहा कि मरीज की सर्जरी करने का निर्णय लिया, लेकिन एचआरसीटी वैल्यू हाई होने से तुरंत सर्जरी नहीं हो पाई। ऐसे में फेफड़े के संक्रमण को कम किया गया। इसके बाद सर्जरी कर सभी फंगस को निकाल दिया गया। मरीज को ऐंटीफंगल दवाएं मरीज दी जा रही हैं। डॉ. अनुराग ने बताया कि यलो फंगस असल में वाइट फंगस का ही एक हिस्सा होता है। वाइट फंगस में जब पस आ जाता है तो उसका रंग यलो हो जाता है।