लखनऊ. Black Fungus. कोरोना संक्रमण (Covid-19) के बीच उत्तर प्रदेश में अब ब्लैक फंगस यानी (Black Fungus) कि म्यूकोर माइकोसिस ने भी पांव पसारना शुरू कर दिया है। यूपी में अब तक 73 मामले सामने आए हैं। इनमें कानपुर में दो मरीजों की मौत हो चुकी है। मथुरा में दो और लखनऊ में एक मरीज की आंख की रोशनी जा चुकी है। सबसे ज्यादा 20 केस वाराणसी में सामने आए हैं। इसमें आसपास के जिलों से आए केस भी शामिल हैं। उधर, राजधानी लखनऊ में ब्लैक फंगस से पहली मौत सामने आई है। लखनऊ के लोहिया संस्थान में इस इंफेक्शन से एक महिला की मौत हो गई है। ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रकोप पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट तलब की है। हालांकि, इसके इलाज के लिए अभी तक कोई गाइडलाइन नहीं है लेकिन कोरोना के इस बीमारी के केस मिलने पर योगी सरकार ने चिंता जाहिर की है। सीरम इंस्टीट्यूट ने दवा कारोबारियों से सोमवार तक यूपी में इंजेक्शन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
स्टेरायड का अधिक इस्तेमाल, ज्यादा समय तक इंटेसिव केयर यूनिट (आईसीयू) और हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) में रहने पर ब्लैक फंगस कोरोना संक्रमित और इससे ठीक हुए लोगों कोपरेशान कर रहा है। केजीएमयू नेत्र रोग विभाग डॉ. संजीव कुमार गुप्ता कहते हैं कि हैवी डोज स्टेरायड लेने वालों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। यह फंगस डायबिटीज के मरीजों के लिए ज्यादा घातक है। साथ ही वह मरीज जो हफ्तेभर आईसीयू में इलाज करा घर लौटे हैं उन्हें भी सतर्क रहने की जरूरत है। इन मरीजों की नाक में दिक्कत और सांस फूलने की शिकायत पर ईएनटी विशेषज्ञ या चेस्ट रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।
खून के साथ दौड़ता है ब्लैक फंगस ब्लैक फंगस खून के साथ दौड़ता है। सांस लेने के दौरान नाक और मुंह के जरिए इसके प्रवेश करने की संभावना ज्यादा रहती है। यह नाक या मुंह के जरिए प्रवेश करने के बाद खून के साथ फेफड़ों, आंख, कान और दिमाग तक पहुंचता है। अगर ब्लैक फंगस मस्तिष्क तक पहुंच जाए तो इससे व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
हाई अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग मेरठ और लखनऊ में ब्लैक फंगस इंफेक्शन से प्रभावित लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। बरेली के रामपुर गार्डन क्षेत्र में ब्लैक फंगस इंफेक्शन के दो मामले आए हैं। दोनों प्रभावित के सैंपल टेस्ट के लिए हायर सेंटर भेजा गया है। बरेली में पहली बार ब्लैक फंगस इंफेक्शन के मामले मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है।
सबसे ज्यादा वाराणसी, केजीएमयू में आठ मरीज चपेट में पूर्वांचल में ब्लैक फंगस के सबसे ज्यादा मामले वाराणसी में हैं। बीएचयू के ईएनटी विभाग में ब्लैक फंगस प्रभावित 52 वर्षीय महिला तनीमा का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया। तनीमा का आधा चेहरा काला पड़ चुका है। डॉक्टर्स ने उनका आधा चेहरा निकालकर जान बचाई गई है। यह पहला मामला है, जब किसी मरीज का आधा चेहरा डॉक्टरों को निकालना पड़ा हो। महिला का जबड़े समेत आधे चेहरे को निकालकर उसकी जान बचाई गई। तनीमा का ऑपरेशन करने वाले सर्जन डॉ. एसके अग्रवाल ने कहा कि संक्रमण इतना ज्यादा था कि जान बचाने के लिए आंख के साथ बाईं तरफ का जबड़ा, नाक का बायां हिस्सा और गाल की एक हड्डी भी निकालनी पड़ी। फंगस की वजह से उसका चेहरा काला पड़ गया था। इससे पहले बीएचयू में भी ब्लैक फंगस के केस आए थे लेकिन उनमे चेहरा निकालने की नौबत नहीं आई थी। सिर्फ नाक से ही ऑपरेशन कर बचाया गया था। इसके अलावा लखनऊ के केजीएमयू में आठ केस ब्लैक फंगस के हैं। कुल 15 मामले ब्लैक फंगस के लखनऊ में है।
सीएम योगी का कोर टीम बनाने का निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्लैक फंगस का संज्ञान लिया है। इंफेक्शन से बचाव के लिए उन्होंने अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा व राज्य स्तर पर गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञों की समिति इस संबंध में रणनीति बनाने के निर्देश दिए हैं। ब्लैक फंगस से बचाव, सावधानियां, लाइन ऑफ ट्रीटमेंट आदि के बारे में सीएम कार्यालय ने विस्तृत जानकारी मांगी है।
कहां कितने केस – वाराणसी में 20 – लखनऊ में 15 – गोरखपुर में 10 – प्रयागराज में 6 – गौतमबुद्ध नगर में 5 – मेरठ में 4
– कानपुर, मथुरा, गाजियाबाद, मथुरा में तीन-तीन केस – आगरा में एक केस ये भी पढ़ें: कोरोना के बाद ब्लैक फंगस के बढ़ रहे मामले, बीएचयू में आए पांच से ज्यादा मामले, आंखों पर पड़ रहा असर