संगठन को मजबूत करने का तरीका इस विचार की जड़ें आरएसएस के शिविरों में हैं, जहां स्वयंसेवकों द्वारा लाया गया भोजन सभी के बीच वितरित किया जाता है।जमीनी स्तर पर अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के लिए भाजपा अपनी बूथ स्तरीय समितियों को शामिल कर इस अभियान की शुरुआत करेगी।
मंडलों और बूथों पर कार्य योजना का विस्तार : धर्म पाल सिंह धर्म पाल सिंह ने कहा कि सभी 98 संगठनात्मक जिलों की कार्यसमिति का गठन 5 फरवरी तक किया जाएगा, जबकि 1918 मंडलों में 12 फरवरी तक कार्यसमिति का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक कार्य योजना के बारे में विस्तार से प्रत्येक कार्यकर्ता व पदाधिकारी को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा, “संरचना को प्रभावी बनाने के लिए काम किया जाना चाहिए। इसके लिए समाज के सभी वर्गों को शामिल करते हुए मंडलों और बूथों को मजबूत करने की जरूरत है।”
संघ में सिखाया ही जाता है जमीनी स्तर से जुड़ कर रहने का तरीका संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि संघ की एक रीति है सहभोज की, जिसमे एक साथ मिलकर एक जगह पर बैठकर भोजन किया जाता है लेकिन इस सहभोज का स्वाद ही अलग होता है। इसमें कोई जाति -धर्म, अमीर -गरीब नहीं होता, सब एक समान होते है। उन्होंने कहा कि सब लोग अपनी -अपनी रसोई का पका भोजन लाते है और उस भोजन को एक ही बर्तन में मिलाकर, सबकी थालियों में परोसा जाता है और सब मिलकर उस भोजन को ग्रहण करते है।
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यह होता है संघ का सहभोज जो संगठन को मजबूत करने और अपनी बात को सबके सामने रखने का जमीनी स्तर का तरीका। यूपी में बीजेपी को 2014 में 71 और 2019 में 64 सीट मिली लोकसभा 2024 से पहले संगठन को मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं ने कमर कस ली है। क्योकि बीजेपी को 2014 में लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में 71 सीटें मिली थी। समाजवादी पार्टी 2019 में सपा-बसपा गठबंधन की सरकार थी तो 64 सीट। आपको बता दे कि 2019 में वो 16 सीटें थी जिस पर बीजेपी हार गई थी।