लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी BJP ने परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को उत्तर प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद वह बनारस से बुधवार को लखनऊ आए। पिछड़ों को साधने के लिए भाजपा की यह महती चाल को मात देने के लिए कांग्रेस की प्रियंका ने भी प्लान तैयार कर लिया है। शह माथ में कौन बाजी मारता है, यह देखना होगा।
भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर इसके पहले यह चर्चा थी कि महेंद्रनाथ पाण्डेय के नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा उत्तर प्रदेश को नया अध्यक्ष मिलेगा। मंगलवार को इसकी औपचारिक घोषणा कर दी गई। सूचना मिलते ही पुराने भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई और भाजपा कार्यालय में मिठाई भी बांटी गई। समझा जा रहा है कि गुरूपूर्णिमा दिन शुभ होने के नाते संगठन ने उन्हें नया अध्यक्ष के रूप में चुना है।
पिछड़ों को जोडऩे की भाजपा की कवायद भारतीय जनता पार्टी ने मिशन 2022 को देखकर प्रदेश अध्यक्ष बदला है। यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 में होने हैं। मौजूदा समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगड़ी जाति के हैं और निवर्तमान अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडेय भी अगड़ी जाति के थे। ऐसे में संगठन को एक मजबूत पिछड़े जाति के नेता की तलाश थी। 2017 के चुनाव के पहले भाजपा ने केशव प्रसाद मौर्य को इसीलिए अध्यक्ष बनाया था और अब मिशन 2022 के लिए स्वतंत्रदेव सिंह को चुना है।
विधानसभा सत्र में सम्मान पाने के बाद पद से देेगे इस्तीफा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद स्वतंत्रदेव सिंह जल्द ही मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। बताया जाता है कि वह विधानसभा सत्र में इस बार शामिल होंगे वहां उनका सम्मान किया जाएगा। इसके बाद वह इस्तीफा देंगे। कहा जाता है कि भाजपा में एक पद एक व्यक्ति का फार्मूला पूरी तौर से लागू किया जाता है और इसीलिए अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष महेन्द नाथ पांडेय को इसीलिए इस पद से हटाया जा रहा है क्योंकि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद वह केन्द्र सरकार में मंत्री बनाए गए थे।