भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष और यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह के साथ पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने लखनऊ में तीन दिन तक सत्ता और संगठन के पदाधिकारियों साथ बैठककर उनके कामकाज की समीक्षा की। विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly elections 2022) की रणनीति पर चर्चा हुई। विधायको और सांसदों से पूछा गया कि अभी चुनाव हो जाएं तो पार्टी की क्या स्थिति होगी। बैठक से पहले राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा तेज थी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अधिकारों में कटौती की जा सकती है। कुछ और शीर्ष पदों में बदलाव की भी बात थी। लेकिन बीएल संतोष ने जाते-जाते योगी की तारीफ में इतने पुल बांधे कि कयास हवा हो गए। अलबत्ता, योगी मंत्रिमंडल में कुछ चेहरों को बदला जा सकता है तो ब्यूरोक्रेसी में भी बड़े बदलाव के संकेत हैं।
सूत्रों की मानें तो भाजपा संगठन और सत्ता में उच्च स्तरीय फेरबदल जैसी कोई बात नहीं है। योगी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव की अगुआई में ही आगामी विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। तीन दिन की बैठक के बाद यह संदेश दिया गया कि सामंजस्य बनाकर कार्यकर्ता पर पदाधिकारी पूरे दम से योगी-मोदी सरकार की उपलब्धियों और अच्छे कार्यों को जनता तक पहुंचाएं। मीडिया व आइटी सेल के पदधिकारियों को भी रणनीति बनाने के लिए कहा गया। बीएल संतोष और राधा मोहन सिंह दोनों ने जाते-जाते सीएम योगी की तारीफ कर गये। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान यूपी सरकार ने प्रभावी तरीके से कोरोना पर नियंत्रण किया है और जनता का ख्याल रखा।
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विपक्षी दलों को दें करारा जवाब
बीएल संतोष ने भाजपा को विपक्ष की नकारात्मक बयानबाजी का तर्कों के साथ मुंहतोड़ जवाब देने की बात कही। कहा कि आने वाले दिनों में विपक्ष की नकारात्मक टिप्पणियां बढ़ेगी। उनकी ओर से सरकार की मनगढ़ंत तीखी अलोचना की जाएगी, इनका तर्क के साथ उचित जवाब भी दिया जाना चाहिए।
दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व को सौंपेंगे रिपोर्ट
बीएल संतोष अब तीन दिन की बैठक का ब्योरा दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सौंपेंगे इसके बाद ही मंत्रिमंडल में फेरबदल और संगठन में कुछ को नयी जिम्मेदारियां सौंपने का निर्णय होगा। इतना तय है कि मंत्रिमंडल से आधा दर्जन से अधिक नकारा मंत्रियों को हटाया जा सकता है।
बीएल संतोष अब तीन दिन की बैठक का ब्योरा दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सौंपेंगे इसके बाद ही मंत्रिमंडल में फेरबदल और संगठन में कुछ को नयी जिम्मेदारियां सौंपने का निर्णय होगा। इतना तय है कि मंत्रिमंडल से आधा दर्जन से अधिक नकारा मंत्रियों को हटाया जा सकता है।