ज्ञात हो कि सपा मुखिया अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई आजमगढ़ सीट से दिनेश लाल यादव सासंद चुने गए हैं। इसे सपा गढ़ माना जाता रहा है। इस सीट से सपा की ओर से अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेद्र यादव चुनाव लड़े थे, जबकि बसपा की तरफ से गुड्डू जमाली ने अच्छा प्र्दशन किया है। इस सीट पर भाजपा की जीत 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा संकेत है।
आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज कर बड़ी मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली है। वहीं, सपा ने अपने गढ़ में हार के लिए भाजपा सरकार पर प्रशासन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है, पर इतना जरूर है कि इन दो सीटों पर उपचुनाव में हार से यूपी में सपा के लिए भाजपा को रोकना लगभग असंभव हो गया है।
आजमगढ़ सपा का इतना मजबूत किला था कि 2014 में मोदी लहर के बावजूद भाजपा को यहां हार का सामना करना पड़ा था। तब यहां मुलायम सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यहां जीत दर्ज की थी।
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