उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण के निकाय चुनाव के लिए गुरुवार को वोटिंग हुआ। प्रदेश में निकाय चुनाव खत्म होते ही भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। इसके लिए पार्टी जल्द ही प्रदेश चुनाव कार्यसमिति की बैठक बुलाने जा रही है। इस बैठक में पार्टी के बड़े नेता संगठन और सरकार में बदलाव के साथ ही चुनाव की रणनीति को लेकर बैठक करेंगे और पार्टी अपने बड़े नेताओं को नई जिम्मेदारी सौंपेगी।
बता दें कि बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखकर अगले महीने से जनसंपर्क अभियान शुरू करेगी। इसके साथ ही वह मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगी। इसके लिए मई और जून में अभियान चलाया जाएगा।
अमूमन ये देखा गया है कि किसी भी पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री 6 महीने के भीतर अपने कैबिनेट का विस्तार करते है। लेकिन मुख्यमंत्री योगी ने अपने दूसरे कार्यकाल के करीब डेढ़ साल पूरे होने के बाद तक अपने कैबिनेट में बदलाव नहीं किया है। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि योगी सरकार 2.0 का पहला कैबिनेट विस्तार जून के महीने में हो सकता है। इसके पीछे कारण 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जातियों का समीकरण बताया जा रहा है।
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वहीं, योगी सरकार 2.0 के पहले कैबिनेट विस्तार में कई पूर्व मंत्रियों की सरकार में वापसी होने के साथ ही मौजूदा मंत्रियों की कुर्सी छीनी जा सकती है। 2022 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद भूपेंद्र चौधरी ने अपने मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था। तभी से यह मंत्रालय मुख्यमंत्री योगी के पास है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि भाजपा यह मंत्रालय पश्चिम के बड़े नेता को दे सकती है। वहीं, निकाय चुनाव के दौरान उम्मीद के मुताबिक चुनाव परिणाम नतीजे न आने और बागीयों को न संभाल पाने के कारण कई मंत्रियों की कुर्सी पर तलवार लटक रही है।