कड़े मुकाबले के आसार आपको बता दें कि प्रदेश के ज्यादातर जिलों में भाजपा और सपा के बीच ही कड़े मुकाबले के आसार हैं। जबकि कई जिलों में बसपा भी अध्यक्ष पद की मुख्य दावेदार के रूप में है। इसके अलावा कई जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में निर्दलीय जिला पंचायत सदस्यों की भूमिका भी काफी अहम होगी, जिनकी भी जोड़तोड़ पार्टियों की तरफ से तेज हो गई है। अलग-अलग जिलों में सुभासपा, आप, कांग्रेस, अपना दल समेत कई समर्थित जीते सदस्य भी इस चुनाव के समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन बीजेपी पूरी रणनीति के साथ मैदान में उतर रही है, जिसके चलते सपा समेत अन्य दलों के लिए आगे की राह इतनी आसान नहीं होने वाली।
सरकार-संगठन की तैयारी बीजेपी को जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख सीटें जिताने के लिए सरकार और संगठन की संयुक्त तैयारी जमीन पर दिख रही है। प्रदेश के मंत्रियों को उनके जिले की जिम्मेदारी दी गई है। मंत्री अपने यहां के निर्दलीय और विपक्ष के पंचायत सदस्यों को बीजेपी के साथ जोड़ने की कोशिश करेंगे। ऐसे में चुनाव तक ज्यादातर मंत्रियों, विधायकों और सांसदों को अपने जिले में रहने और वहां पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए समीकरण को मजबूत बनाने के निर्देश दिये गए हैं।
अगले हफ्ते घोषित होंगे प्रत्याशी बीजेपी की तरफ से जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के प्रभारी और महामंत्री जेपीएस राठौर के मुताबिक पार्टी का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा पदों पर चुनाव जीतना है। इसके लिए बीजेपी के कार्यकर्ता पूरी तरह से तैयार हैं। चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ लड़ा जाएगा और इस हफ्ते हम अपना प्रत्याशी भी घोषित कर देंगे। बीजेपी के सभी प्रत्याशी जिताऊ होंगें।