1. कुंदरकी से रामवीर सिंह ठाकुर 2. गाजियाबाद से संजीव शर्मा 3. खैर (अजा) से सुरेंद्र दिलेर 4. करहल से अनुजेश यादव 5. फूलपुर से दीपक पटेल 6. कटेहरी से धर्मराज निषाद
7. मझवां से सुचिस्मिता मौर्या
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दो सीटों पर नहीं उतारे उम्मीदवार
वहीं, भाजपा ने अभी कानपुर की सीसामऊ और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है। सपा ने सीसामऊ सीट ने नसीम सोलंकी को उतारा है, जबकि भाजपा में अभी तक प्रत्याशी तय नहीं हो पाया है। मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट की बात करें तो यह चर्चा है कि यह सीट गठबंधन के तहत रालोद को दी जा सकती है। समझिए 9 सीटों का समीकरण…
करहल
मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट पर सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव वर्ष 2022 में जीते थे। लोकसभा चुनाव में कन्नौज से सांसद होने के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया। सपा ने यहां से तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर यादव-मुस्लिम गठजोड़ खासा मजबूत रहता है।कुंदरकी
संभल की कुंदरकी विधानसभा सीट से सपा के जियाउर्रहमान बर्क विधायक थे। यह सीट उनके सांसद बनने के बाद खाली हुई। सपा इस सीट पर 2012-17 और 2022 में जीत दर्ज कर चुकी है। यह सीट मुस्लिम आबादी बहुल होने के कारण भाजपा के लिए चुनौती है।सीसामऊ
कानपुर नगर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर वर्ष 2022 में सपा के उम्मीदवार हाजी इरफान सोलंकी जीते थे। सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को यहां से टिकट दिया है। यहां पर मुस्लिम मतदाताओं का प्रभाव है।मीरापुर
मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट पर 2022 में रालोद के चंदन चौहान विधायक बने थे। उनके बिजनौर के सांसद चुने जाने से यह सीट खाली हुई है। वर्ष 2012 में यहां बसपा तो 2017 में भाजपा जीती इस सीट पर जाट, दलितों के साथ ही मुस्लिम मतदाता का प्रभाव है।खैर
अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट से भाजपा के अनूप प्रधान वाल्मीकि विधायक थे। अनूप हाथरस से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं। वर्ष 2012 में रालोद और 2017 में भाजपा ने यह सीट जीती थी। यहां जाट, ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम मतदाता अच्छी तादाद में हैं। यह भी पढ़ें