पूरा मामला इस तरह से है…
मुख्तार ने तलाशी लेने पर जेलर को धमकी दी थी साल 2003 में मुख्तार लखनऊ जेल में थे। उस समय जेलर एसके अवस्थी थे। जेल में मुख्तार अंसारी से लोग मिलने आए थे। जेलर एसके अवस्थी ने तलाशी लेने का आदेश दे दिया था। तब उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। उनके साथ गाली-गलौज करते हुए मुख्तार ने पिस्तौल तान दी थी।
मुख्तार ने तलाशी लेने पर जेलर को धमकी दी थी साल 2003 में मुख्तार लखनऊ जेल में थे। उस समय जेलर एसके अवस्थी थे। जेल में मुख्तार अंसारी से लोग मिलने आए थे। जेलर एसके अवस्थी ने तलाशी लेने का आदेश दे दिया था। तब उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। उनके साथ गाली-गलौज करते हुए मुख्तार ने पिस्तौल तान दी थी।
यह भी पढ़ें:मुख्तार के दादा थे कांग्रेस प्रेसिडेंट, नाना को जिन्ना ने आर्मी चीफ बनाने का दिया था ऑफर निचली अदालत ने कर दिया था बरी इस घटना के बाद आलमबार थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले में निचली अदालत ने मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया था। जिसके खिलाफ सरकार ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अपील की थी। और लखनऊ हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए 7 साल की सजा सुनाई थी।