लखनऊ

बड़ी खबर:गायब हुआ ओम पर्वत फिर हुआ प्रकट, हालात से वैज्ञानिक हैरान

holy om mountain of hindus:देश-दुनिया के हिंदुओं की आस्था के प्रतीक उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित ओम पर्वत में फिर से ॐ की स्पष्ट आकृति उभरकर सामने आ गई है। इस पवित्र पर्वत से ओम की आकृति गायब होने वैज्ञानिक बेहद चिंतित हैं। आगे पढ़ें कि आखिर इस पर्वत से ओम की आकृति क्यों गायब हुई और फिर दोबारा कैसे उभरी…

लखनऊAug 27, 2024 / 06:49 pm

Naveen Bhatt

हिंदुओं की आस्था के प्रतीक पर्वत में बर्फबारी के बाद फिर से ओम की आकृति दिखने लगी है

 holy om mountain of hindus:उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में समुद्र तल से 5900 मीटर ऊंचाई पर स्थित आस्था का प्रतीक ओम पर्वत साल भर बर्फ से ढका रहता था। पर्वत के शिखर पर बर्फ से हमेशा ही ओम की आकृति बनी रहती थी।लेकिन बर्फ पिघलने के कारण पिछले दिनों इस पवित्र पर्वत से ओम की आकृति गायब हो गई थी। मौके पर केवल काला पहाड़ ही नजर आ रहा था। ये मामला काफी सुर्खियों में रहा। ओम पर्वत से बर्फ गायब होने की खबरों के बीच रविवार रात यहां ताजा बर्फबारी हुई है। इससे यह पर्वत फिर से बर्फ से ढक गया है और यहां फिर से ओम की आकृति उभर आई है। पिथौरागढ़ में टीआरसी प्रबंधक दिनेश गुरुरानी के मुताबिक ओम पर्वत पर ताजा बर्फबारी हुई है। इसके कारण पर्वत पर फिर से ओम की आकृति उभर आई है।

पहली बार हुई पूरी तरह से बर्फ गायब

स्थानीय लोगों के मुताबिक उनकी जानकारी में यह पहला मौका था जब ओम पर्वत से पहली बार पूरी तरह बर्फ गायब हुई है। क्षेत्रवासी कृष्णा गर्ब्याल कहते हैं कि वर्ष 2014 और 2018 में भी ओम पर्वत से बर्फ पिघली थी, लेकिन तब भी पर्वत से बर्फ पूरी तरह से गायब नहीं हुई थी। उनका कहना है कि अगर बर्फ को पिघलने से रोकना है, तो ओम पर्वत से कुछ किलोमीटर पहले ही वाहनों का ठहराव तय करना होगा।

तापमान में बढ़ोत्तरी से पिघल रही बर्फ

जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील नौटियाल के मुताबिक तापमान का बढ़ना हिमालय में बर्फ पिघलने का प्रमुख कारण है। वाहनों की संख्या बढ़ने से भी तापमान बढ़ता है। इसलिए हिमालय के सभी इको सेंसिटिव जोन में भार और वाहन क्षमता का निर्धारण जरूरी है। कितने वाहन और कितने यात्री वहां आ सकते हैं, इसका पता लगाकर ही इसका सही उपयोग हो सकता है।

फायर सीजन में कार्बन ने भी पहुंचाया नुकसान

फायर सीजन में जले जंगलों से पैदा कार्बन ने भी हिमालय को काफी नुकसान पहुंचाया था। उत्तराखंड में वनाग्नि के कारण हिमालय में कार्बन की परत जम गई थी। वनाग्नि से भी हिमालय को लगातार नुकसान पहुंच रहा है। इससे वैज्ञानिक काफी चिंतित हैं। उत्तराखंड में इस साल 26 अगस्त तक दावाग्नि की 1276 घटनाओं में 1771.66 हेक्टेयर जंगल जला और जंगल की आग 12 जिंदगियां लील गई। इससे निकली कार्बन ने भी पूरे हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित किया और इसका असर ओम पर्वत पर भी पड़ा।

Hindi News / Lucknow / बड़ी खबर:गायब हुआ ओम पर्वत फिर हुआ प्रकट, हालात से वैज्ञानिक हैरान

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.