विधान सभा और विधान परिषद के सदस्यों की इस समिति के अध्यक्ष एमएलए श्रीराम चौहान हैं। समिति के सदस्यों में विधान परिषद सदस्य डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल, विधानसभा सदस्य त्रिभुवन राम, जयदेवी, पलटूराम, मनोज पारस आदि शामिल हैं। सोमवार को इस समिति की बैठक हुई। समिति ने कार्मिक विभाग से यह भी अपेक्षा की है कि जेम पोर्टल पर पंजीकृत आउटसोर्स की सर्विस प्रोवाइडर एजेंसियों को भी आरक्षण के दायरे में लाया जाए।
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‘आउटसोर्स की नौकरियों के लिए एजेंसियों पर करें आरक्षण लागू’
समिति के सदस्य त्रिभुवन राम ने बताया कि आउटसोर्स की नौकरियों के लिए मैनपावर उपलब्ध करवाने वाली एजेंसियों पर आरक्षण इसलिए लागू किया जाना चाहिए क्योंकि इससे आरक्षित वर्ग के लोगों को भी ऐसी एजेंसियां संचालित करने का अवसर मिलेगा। साथ ही वह आउटसोर्सिंग की नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था का पूरी निष्ठा से अनुपालन भी करेंगी। 23 जनवरी 2008 को तत्कालीन प्रमुख सचिव जेएस दीपक ने सभी प्रमुख सचिवों, सचिवों को एक शासनादेश जारी किया था। शासनादेश के अनुसार विभागों, निगमों व परिषदों द्वारा अपने कार्यालयों में रखरखाव का कार्य स्वयं किया जा रहा था यदि अनुबंध के आधार पर सम्पन्न करवाए जाते हैं तो ऐसे कार्यों के लिए होने वाले करार में यह भी सन्निहित होगा कि इस तरह उत्पन्न कुल रोजगार में आरक्षण नियमों का पालन किया जाए।