मुफ्त बीमा के साथ यह अभी फायदें पीएफ अकाउंट पर सिर्फ मुफ्त बीमा का ही फायदा नहीं मिलता है। इसी के साथ पीएफ खाताधारकों को बंद पड़े खाते पर भी ब्याज मिलता है। अगर आपका पीएफ खाता तीन साल से अधिक समय से निष्क्रिय है तो भी आपको ब्याज मिलता रहेगा। यह बदलाव 2016 में ईपीएफओ की ओर से किया गया है। इससे पहले तीन साल तक पीएफ खाता निष्क्रिय रहने पर ब्याज नहीं मिलता था।
पेंशन की सुविधा एक पीएफ खाता धारक 58 साल की उम्र के बाद पेंशन पाने का हकदार होता है। इसके लिए पीएफ खाते में कम से कम 15 साल तक हर महीने योगदान करना जरूरी है। ईपीएफओ नियमों के तहत कर्मचारियों के बेसिक वेतन के साथ दिए गया 12 फ़ीसदी का हिस्सा पीएफ खाते में जाता है। कंपनी भी इतना ही योगदान करती है। इसका 3.67 फ़ीसदी हिस्सा कर्मचारियों के पीएफ खाते में जाता है। जबकि 8.33 फ़ीसदी पेंशन योजना में।
लोन मिलने में होती है आसानी खाते में निवेश करने पर लोन मिलने में आसानी होती है आपातकालीन स्थिति में खाताधारक अपने पीएफ खाते में जमा राशि पर लोन ले सकता है। इस पर उसे पीएफ जमा पर मिलने वाले ब्याज से एक से ज्यादा इंटरेस्ट का भुगतान करना होगा। यह लोन तीन साल के लिए होता है।0 होम लोन के भुगतान के लिए आप अपने पीएफ खाते में जमा रकम का 90 फ़ीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं। जमीन खरीदने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
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जरूरत पड़ने पर निकाले रकम आवश्यकता पड़ने पर आप अपने पीएफ खाते से पैसे निकाल सकते हैं। कर्मचारी अगर किसी कंपनी में 5 साल तक अपनी सेवाएं दे देता है तो पीएफ खाते से निकासी पर कोई टैक्स नहीं लगता। इससे कम समय तक नौकरी करने पर पीएफ निकासी पर 10 फ़ीसदी टीडीएस के साथ टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। साथ ही पीएफ अकाउंट में निवेश पर टैक्स में बचत मिलती है। पुराने टैक्स स्लैब में अपने पीएफ खाते में सालाना 1.50 लाख रुपए तक योगदान कर आयकर कानून की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं। नए स्लैम में यह सुविधा नहीं है।
जरूरत पड़ने पर निकाले रकम आवश्यकता पड़ने पर आप अपने पीएफ खाते से पैसे निकाल सकते हैं। कर्मचारी अगर किसी कंपनी में 5 साल तक अपनी सेवाएं दे देता है तो पीएफ खाते से निकासी पर कोई टैक्स नहीं लगता। इससे कम समय तक नौकरी करने पर पीएफ निकासी पर 10 फ़ीसदी टीडीएस के साथ टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। साथ ही पीएफ अकाउंट में निवेश पर टैक्स में बचत मिलती है। पुराने टैक्स स्लैब में अपने पीएफ खाते में सालाना 1.50 लाख रुपए तक योगदान कर आयकर कानून की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं। नए स्लैम में यह सुविधा नहीं है।