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घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और गोताखोरों की टीम ने लड़की की तलाश में रात भर मेहनत की, लेकिन दुर्भाग्यवश उसका कोई पता नहीं चला। लड़की ने नदी के किनारे पर एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उसने स्पष्ट रूप से लिखा था, “फेल होने के टैग के साथ मैं नहीं जी सकती।” इस शब्दों ने उसके मानसिक तनाव और असमर्थता को दर्शाया, जो शायद उसे पढ़ाई और जीवन की कठिनाइयों से जूझने में महसूस हो रहा था। यह भी पढ़ें
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सुसाइड नोट से यह भी प्रतीत होता है कि लड़की ने अपनी असफलताओं के बोझ को अपने जीवन से अधिक भारी समझा था। उसका मानसिक दबाव इतना बढ़ गया था कि उसने इस कठोर कदम को उठाने का निर्णय लिया। इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत को फिर से उजागर किया है, खासकर छात्रों के बीच, जिनका सामना अकादमिक दबाव और पारिवारिक अपेक्षाओं से होता है। यह भी पढ़ें
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पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई शुरू की है। गोताखोरों की टीम ने नदी के विभिन्न हिस्सों में तलाश शुरू की, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया है कि लड़की की तलाश की प्रक्रिया जारी रहेगी, और उसे शीघ्र ही ढूंढ लिया जाएगा। यह भी पढ़ें