– मौरंग का ट्रक पहले करीब 90,000 रुपए में आता था जो अब 62000 से 68000 के बीच आ जा रहा है।
– बालू का ट्रक पहले 30,000 रुपए में आता था जो अब 20,000 रुपए में आ रहा है।
– गिट्टी का ट्रक पहले 58000 प्रति ट्रक आता था जो अब 52000 से 55000 में आ रहा है।
उत्तर प्रदेश सीमेंट व्यापार संघ के अध्यक्ष श्याम मूर्ति गुप्ता कहते हैं 30 जून से मौरंग की खदानें बंद थीं, जो अब चालू हो गई हैं। खनन का काम शुरू हो गया है, लेकिन अभी स्टोर किया हुआ माल ही बाजार में बिक रहा है। लेकिन बाजार में नए माल की आमद से अंतर पड़ना शुरू हो गया है। उम्मीद है कि धीरे-धीरे मौरंग, बालू और गिट्टी के दामों में और कमी आएगी।
प्रदेश सरकार जब से नई भंडारण पॉलिसी लाई है, बालू-मौरंग की कालाबाजारी पर काफी हद तक अंकुश लगा है। अब भंडारण की बालू-मौरंग मानसून सीजन में बाजार में निकालना जरूरी हो गया है। इसका नतीजा यह हुआ कि जहां दो साल पहले मानसून सीजन में मौरंग के दाम 150 रुपये घन फुट तक पहुंच जाते थे, वहीं इस बार 78 रुपये घन फुट से ज्यादा नहीं हुए। मानसून खत्म होने के बाद एक अक्टूबर से प्रदेश की खदानों में खनन काम शुरू हो गया है। मानसून खत्म होते ही एक अक्टूबर से प्रदेश की 546 खदानों में खनन का काम शुरू हो गया है। भंडारण की बालू-मौरंग पर्याप्त मात्रा में बाजार में पहुंचने और मांग अधिक न होने के कारण दाम इस बार नहीं बढ़े और कीमतें भी कम हुईं।