उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली तीन राज्यों में अलग-अलग इनाम की रकम बलराज भाटी पर घोषित किया गया था। कुल ढाई लाख रुपए का इनामी बलराज भाटी मुखबिरों और गवाहों को मौत की नींद सुला देता था। पूरा नाम बलराज भाटी पुत्र गजराज भाटी निवासी ग्राम दूसरी थाना शिकारपुर का निवासी था। जिस पर यूपी ने 50 हजार तो दिल्ली, हरियाणा ने एक-एक लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
हुलिया बदलने के लिए प्लास्टिक सर्जरी करा लेता था
बलराज भाटी अपना हुलिया बदलने में उस्ताद था। वह लगातार अपना हुलिया बदल लेता, कई बार तो उसने अपनी पहचान बदलने के लिए और पुलिस को चकमा देने के लिए प्लास्टिक सर्जरी तक कराया। पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि उसके पास बलराज भाटी का सिर्फ एक ही फोटो था और वह भी काफी पुराना था। पुलिस यह नहीं समझ पाती कि अब वह कैसा है, कैसा दिखता है। उसके बाद भाटी लगातार अपना हुलिया भी बदलता रहता जो उसकी पहचान उजागर ही नहीं होने देता। तीन राज्यों की पुलिस से गैंगेस्टर काफी दूर की कौड़ी बना हुआ था।
साल 2007 में नोएडा में एक हत्या हुई, जिस मामले में बलराज को जेल जाना पड़ा था। जेल में गुजरे वक्त के दौरान उसकी मुलाकाम खूंखार और पेशेवर अपराधियों से हुई, जिसके बाद जेल से छूटकर वह पश्चिमी यूपी के लिए खौफ का कारोबारी बन गया। इसके बाद रंगदारी, वसूली और फिरौती के अनेक मामले दर्ज होते गए। वह पीछे मुडक़र नहीं देखा, पुलिस एक मामला दर्ज करती तबतक बलराज दूसरी और तीसरी वारदात कर चुका होता।
बुलंदशहर में दोहरे हत्याकांड में 140 गोलियां मारा
साल 2012 में उसने बुलंदशहर में दोहरे हत्याकांड करके यूपी पुलिस के इकबाल को बौना साबित कर दिया। यह हत्याकांड इतना विभत्स था कि बलराज ने अपने शिकार को एक-दो गोलियों से नहीं, बल्कि 140 गोलियां मृतक के जिस्म में उतार दिया। इसी दौरान बीजेपी के नेता विजय पंडित जो पश्चिम यूपी में माफिया राज और रंगदारी, वसूली का मुखर विरोध कर रहे थे उनकी पुलिस प्रोटेक्शन में ही हत्या कर दी गई।
फिर खोली गई गैंगेस्टर की क्राइम फाइल इधर यूपी पुलिस ने पचास हजार का इनाम घोषित किया उधर उसने दिल्ली के एक कारोबारी को उसने पांच करोड़ की रंगदारी मांग कर दिल्ली पुलिस को भी चुनौती दे दी। सितंबर 2017, नंबवर 2017 और अक्टूबर 2018 तीन बार बलराज का सामना पुलिस से हुआ, लेकिन हर बार वह बचकर निकल जाता। इसी बीच वह कुख्यात सुंदर भाटी गैंग से भी वह जुड़ चुका था। इस दौरान सुंदर भाटी के जेल जाते ही बलराज ने वसूली और रंगदारी का धंधा संभाल लिया।
पुलिस की चाल में ऐसे फंसा बलराज
पश्चिमी यूपी के बुलंदशहर में बलराज के वसूली का कारोबार खूब फल-फूल रहा था, पुलिस की नींद ***** थी। उधर बीजेपी सरकार का माफिया राज को खत्म करने का ऐलान। पुलिस ने यह समझ लिया था कि सीधे-सीधे इस मायावी कुख्यात गैंगेस्टर को ठीकाने लगा पाना आसान नही है। तो पुलिस ने एक चाल चली और अफवाह फैलाया कि बलराज के नाम से वसूली कोई और कर रहा है। इसके बाद लोग बलराज के धमकी भरे फोन काल्स को नजरअंदाज करने लगे। इसी बीच नोएडा के भाजपा नेता शिव कुमार यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
पुलिस को जानकारी मिली की 23 अप्रैल को सुबह छह बजे बलराज नोएडा के सेक्टर 37 में रंगदारी वसूली करने आ रहा है। पुलिस को जानकारी मिलते ही हरियाणा पुलिस से इस जानकारी को साझा किया गया। जिस चौराहे पर गैंगेस्टर आने वाला था, वह काफी भीड़भाड़ वाला इलाका है, इसलिए पुलिस पूरा एहतियात बरत रही थी। कालिंदीकुंज से ओखला बैराज पार करते ही जैसे ही बलराज स्विफ्ट कार से निकला पुलिस ने घेरेबंदी चालू कर दी।