वे कहते हैं कि विनोद यादव के फिल्मी सफर का टर्निंग पॉइंट साबित होगी बल और बलिदान। ये कहानी अब तक कि मेरी लिखी सभी कहानियों से बहुत ही भिन्न है। जिसमें त्याग और समर्पण को बखूबी एक अलग ढंग दर्शाया गया है। वैसे कहते हैं कि हर फिल्म हीरो या हीरोइन का करेक्टर दमदार होता है लेकिन बल और बलिदान में मैंने सभी भूमिकाओं को एक दूसरे से बंधा है। अगर में एक शब्द में कहूँ तो इसे विनोद यादव के सिवा कोई और नहीं कर सकता हैं। ये फिल्म विनोद के कैरियर को एक अलग ऊंचाई पर ले जाने वाली है। क्योंकि इसका निर्देशन इंडस्ट्री के बेहतरीन निर्देशक आंनद डी गहतराज ने किया है। फिल्म में पद्मश्री उदित नारायण और दीपा नारायण ने अपनी मधुर आवाज में गाने भी गाए हैं।
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