लखनऊ. बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलीं। बुधवार को राजधानी स्थित सपा कार्यालय में दोनों नेताओं की बीच मुलाकात हुई। यूपी की सियासी गलियारों में इस मुलाकात के खास मायने तलाशे जाने लगे हैं। दोनों की मुलाकात के बाद अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं कि सावित्री बाई फुले जल्द ही समाजवादी पार्टी ज्वॉइन कर सकती हैं। बता दें कि इससे पहले भी 30 दिसम्बर को सांसद सावित्री बाई फुले अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुकी हैं। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देने वाली बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले नये ठिकाने की तलाश में हैं।
बीते छह दिसंबर को सावित्री बाई फुले ने बीजेपी को दलित विरोधी पार्टी बताते हुए भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, वह अभी भी बहराइच से सांसद हैं। उन्होंने अभी तक संसद की सदस्यता नहीं छोड़ी है। सावित्री बाई फुले ने कहा कि वह जब तक जिंदा रहेंगी, भाजपा में कभी वापस नहीं आएंगी।
सावित्री बाई फुले का राजनीतिक करियर
स्नातक तक पढ़ी-लिखी सावित्री बाई फुले उत्तर प्रदेश में बीजेपी की दलित महिला सांसद हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शब्बीर अहमद को करीब एक लाख वोटों से हराकर सावित्री बाई फुले लोकसभा पहुंची थीं। इससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में बलहा (सुरक्षित) सीट से जीती थीं। वर्ष 2000 में बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें पार्टी से निस्कासित कर दिया था, जिसके बाद वह बीजेपी में शामिल हुईं।
स्नातक तक पढ़ी-लिखी सावित्री बाई फुले उत्तर प्रदेश में बीजेपी की दलित महिला सांसद हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शब्बीर अहमद को करीब एक लाख वोटों से हराकर सावित्री बाई फुले लोकसभा पहुंची थीं। इससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में बलहा (सुरक्षित) सीट से जीती थीं। वर्ष 2000 में बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें पार्टी से निस्कासित कर दिया था, जिसके बाद वह बीजेपी में शामिल हुईं।