वीवीआइपी के लिए जलमार्ग महाशिवरात्रि पर काशीपुराधिपति के दरबार में आने वाले शिवभक्तों को सहूलियत के लिए इस बार शिवरात्रि पर सिर्फ झांकी दर्शन कराने का ही निर्णय लिया गया है। मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि इस बार गंगा की ओर से भी श्रद्धालुओं को आने के लिए नया मार्ग खोला गया है। इसके अलावा गर्भगृह में दर्शन करने के लिए सभी प्रवेश द्वारों से प्रवेश निकास की भी व्यवस्था की गई है। वीवीआईपी को जलमार्ग से आने के लिए आग्रह किया गया है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलमार्ग से आएंगे।
बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए ई-रिक्शा मैदागिन और गोदौलिया से किसी भी प्रकार के बड़े वाहन को अनुमति नहीं रहेगी। दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए मंदिर प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा चलाया जाएगा। मंदिर में अलग-अलग लोगों की ड्यूटी लगाकर कतार में खड़े लोगों को अपडेट दिया जाए।
काशी विश्वनाथ लाइव दर्शन ऐप लांन्च श्रद्धालु इस एप को गूगल प्ले स्टोर से अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकेंगे। इससे श्रद्धालु आसानी से पता कर सकेंगे कि दर्शन-पूजन के लिए उनका नंबर कब आएगा। वे विश्वनाथ धाम में प्रवेश के लिए बनाए गए चार रास्तों में से किससे प्रवेश करें। महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन को आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने और उन्हें बेहतर सहूलियत प्रदान करने के लिए ये एप लांच किया गया है।
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एप में यह सुविधा एप में बाबा विश्वनाथ के लाइव दर्शन-पूजन और आरती देखने की भी व्यवस्था होगी। एप में देश की सारी भाषाएं भी उपलब्ध कराई जा सकेंगी ताकि देश के किसी कोने का शिवभक्त इसकी मदद से काशी आकर आसानी से बाबा का दर्शन-पूजन कर सके। एप पर बाबा की आरती और दर्शन के लिए बुकिंग की सुविधा भी होगी। एप से जुड़े हुए श्रद्धालुओं को हर घंटे एनाउंसमेंट के जरिए दर्शन के दौरान भीड़ की सही स्थिति की जानकारी दी जाएगी ताकि कतार में लगे श्रद्धालुओं को पल-पल की जानकारी होती रहे।
एप में यह सुविधा एप में बाबा विश्वनाथ के लाइव दर्शन-पूजन और आरती देखने की भी व्यवस्था होगी। एप में देश की सारी भाषाएं भी उपलब्ध कराई जा सकेंगी ताकि देश के किसी कोने का शिवभक्त इसकी मदद से काशी आकर आसानी से बाबा का दर्शन-पूजन कर सके। एप पर बाबा की आरती और दर्शन के लिए बुकिंग की सुविधा भी होगी। एप से जुड़े हुए श्रद्धालुओं को हर घंटे एनाउंसमेंट के जरिए दर्शन के दौरान भीड़ की सही स्थिति की जानकारी दी जाएगी ताकि कतार में लगे श्रद्धालुओं को पल-पल की जानकारी होती रहे।