अभी तक आयुष्मान कार्ड को गोल्डन कार्ड के नाम से जाना जाता था, लेकिन केंद्र सरकार ने इसका नाम बदलकर आयुष्मान कार्ड कर दिया है। अभी मोटे कागज पर यह कार्ड बनाया जा रहा है, आगे प्लास्टिक का मजबूत कार्ड दिया जाएगा। यूपी में करीब 1.06 करोड़ परिवार ऐसे हैं, जिनका आयुष्मान कार्ड अभी तक नहीं बना है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना का लाभ ले सकें इसके लिए उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों में इसे लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
निशुल्क इलाज के लिए -नजदीकी सूचीबद्ध अस्पताल में आरोग्य मित्र से मिलें।
-नजदीकी जन सेवा केंद्र पर संपर्क करें। कैसे बनवाएं आयुष्मान कार्ड – आयुष्मान कार्ड सूचीबद्ध निजी व सरकारी अस्पतालों में फ्री बनाए जाते हैं।
– आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए व्यक्तिगत पहचान के लिए आधार कार्ड की जरूरत होती है।
– परिवार की पहचान के लिए राशन कार्ड और परिवार रजिस्टर की कॉपी की भी जरूरत होती है।
-नजदीकी जन सेवा केंद्र पर संपर्क करें। कैसे बनवाएं आयुष्मान कार्ड – आयुष्मान कार्ड सूचीबद्ध निजी व सरकारी अस्पतालों में फ्री बनाए जाते हैं।
– आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए व्यक्तिगत पहचान के लिए आधार कार्ड की जरूरत होती है।
– परिवार की पहचान के लिए राशन कार्ड और परिवार रजिस्टर की कॉपी की भी जरूरत होती है।
आयुष्मान कार्ड से मिलने वाले लाभ लाभार्थी परिवार को हर साल पांच लाख रुपये तक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा मिलती है। इसमें केवल योजना के तहत भर्ती किए गए मरीजों को ही निशुल्क चिकित्सीय सुविधा का लाभ मिलता है।